भारत की अग्नि-5 मिसाइल के ताकतों का रूस ने किया खुलासा, पाकिस्तान के साथ चीन भी घबराया

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India’s Agni-5 Missile : यूक्रेन के साथ युद्ध के दौरान रूस ने ऐसा कदम उठाया है जिसने पूरी दुनिया को चौंका दिया. दरअसल, रूस ने इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) में इस्तेमाल होने वाले MIRV (Multiple Independently Re-entry Vehile) मिसाइल तकनीक का प्रदर्शन करके युद्ध की परिभाषा ही बदल दी है.

बता दें कि हाल ही में रूस ने यूक्रेन पर MIRV तकनीक से लैस एक ICBM लॉन्च की है. इस मिसाइल को लेकर कहा जा रहा है कि इसे किसी भी एंटी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से रोका नहीं जा सकता है. हालांकि रूस के इस कदम ने अनजाने में भारत की अग्नि-5 की ताकत का भी खुलासा कर दिया है. दरअसल, अग्नि-5 से लैस भारत महज 10 सेकेंड में अपने दुश्मनों के लिए तबाही मचा सकता है.

कितनी खास है MIRV मिसाइल तकनीक?

दरअसल, MIRV मिसाइल तकनीक किसी बैलिस्टिक मिसाइल को इस प्रकार से डिजाइन करती है, जिससे कि वो अपने लक्ष्य के करीब पहुंचकर विभिन्न भागों में बंटकर फट जाती है और हर भाग अपने अलग-अलग लक्ष्यों को पूरी तरह से तबाह कर देता है. खास बात ये है कि इसे किसी भी एंटी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से रोकना काफी मुश्किल है.

MIRV तकनीकी से लैसे है भारत की ये मिसाइलें

हालांकि भारत के पास पहले से ही MIRV मिसाइल तकनीक से लैस मिसाइल मौजूद है, जिसका नाम है अग्नि-5 और अग्नि प्राइम मिसाइल. बता दें कि अग्नि-5 की मारक क्षमता पांच हजार  किलोमीटर से अधिक की है. अग्नि-5 अपने एक ही हमले में 10 से 14 ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर सकती है. ऐसे में भारत ने इस मिसाइल का सफल परीक्षण करके यह साबित कर दिया है कि वो भी अब अपने दुश्मनों को जवाब देने, किसी भी हमले को रोकने और पलटवार करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है.

भारत की MIRV तकनीक से बैकफुट पर चीन-पाकिस्‍तान

भारत की खतरनाक मिसाइल तकनीक और मारक क्षमता से पाकिस्तान पहले ही घबराया रहता है, वहीं अब MIRV मिसाइल तकनीक के वजह से वो पूरी तरह से बैकफुट पर है. भारत के इस मिसाइल को रोकने के लिए पाकिस्‍तान में कोई एयर डिफेंस सिस्टम में नहीं है. पाकिस्‍तान के अलावा ये मिसाइल चीन के बीजिंग जैसे शहरों को आसानी से निशाना बना सकता है और चीन के डिफेंस सिस्टम भी इसे रोकने में नाकाम साबित होंगे, जिससे चीन की टेंशन बढ़ी हुई है.

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