MARCOS: अरब सागर में हाईजैक हुई कार्गो शिप को छुड़ाने के लिए भारतीय नौसेना ने अपने विशेष इलीट मार्कोस टीम को मैदान में उतारा है. इस टीम को दो एहम भूमिका निभानी थी जिसमे एक तो हाईजैकर्स को मार गिराने की और दूसरी सब क्रू मेबर्स को सुरक्षित बाहर निकालने की. 15 भारतीयों को बचाने के लिए भारतीय नौसेना ने एक युद्धपोत, मैरिटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर्स और पी-8आई लॉन्ग रेंज एयरक्राफ्ट के अलावा प्रीडेटर एमक्यू9बी ड्रोन भी भेजा था.
अरब सागर में समुद्री डकैती से निपटने और महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, भारतीय नौसेना के समुद्री कमांडो ने शुक्रवार को 88,000 टन के थोक वाहक एमवी ‘लीला नोरफोक’ पर सवार होकर निर्णायक कार्रवाई की. रिपोर्ट के बाद मार्कोस ने भारतीय दल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. ऐसे में यह जानना एहम है की यह इलीट मार्कोस टीम है क्या और यह क्या एहम भूमिका निभाते है.
मार्कोस कौन है?
1987 में गठित मार्को देश की शक्तिशाली कमांडो सेनाओं में से एक है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, गरुड़, पैरा कमांडो, फोर्स वन और अन्य शामिल हैं.भारतीय नौसेना के मार्को या समुद्री कमांडो बल में सबसे कठिन सैनिक शामिल हैं जो तेज और गुप्त प्रतिक्रिया देने के लिए कठोर प्रशिक्षण से गुजरते हैं. मार्को को अमेरिकी नेवी सील्स की तर्ज पर तैयार किया गया है. मार्कोस समुद्र, वायु और भूमि सहित विविध वातावरणों में काम कर सकता है. मार्कोज का नारा है- द फ्यू, द फियरलेस है.
मार्कोस ऐसे निभाते है एहम भूमिका
वमार्कोस कश्मीर जैसे क्षेत्रों में ऑपरेशन चलाने के लिए भारतीय सेना के साथ सहयोगात्मक प्रयासों में भी संलग्न हैं. विशेष रूप से, 26/11 के मुंबई हमलों में उनकी भागीदारी के दौरान उनकी वीरता और साहस प्रमुखता से सामने आया. रिपोर्ट के अनुसार MARCOs ने 2008 में ताज होटल हमले के शुरुआती चरणों में भी सहायता की थी.
1980 के दशक के अंत में, मार्कोस ने श्रीलंकाई गृहयुद्ध के बीच एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसे ‘ऑपरेशन पवन’ के नाम से जाना जाता है. लिट्टे के कब्जे वाले प्रमुख क्षेत्रों पर कब्ज़ा करने में उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी ने क्षेत्र में शांति की बहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
ये भी पढ़े: Aditya L-1: आज अपने अंतिम गंतव्य तक पहुँच जाएगा आदित्य एल-1, भारत फिर रचेगा इतिहास