INS Arighat Submarine: भारत ने परमाणु शक्ति से चलने वाली अपनी दूसरी ‘INS अरिघात सबमरीन’ को कमीशन (अपने हथियारों के जखीरे में शामिल) कर दिया है, जो के-15 परमाणु मिसाइल से लैस है. यह पनडुब्बी 750 किलोमीटर तक अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम है. वहीं, आने वाले समय में इस पनडुब्बी में के-4 परमाणु मिसाइल तैनात करने का प्लान है, जिससे 3 हजार किलोमीटर के लक्ष्य को आसानी से भेदा जा सके.
ऐसे में अगर भारत इस मिसाइल को बंगाल की खाड़ी के उत्तरी इलाके से लॉन्च करता है तो चीन का युन्नांन प्रांत और तिब्बत इसके दायरे में आ जाएगा. यही वजह है कि भारत की अरिघात सबमरीन को लेकर चीन की भी टेंशन बढ़ी हुई है.
भारत का चीन को करारा जवाब
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विशेषज्ञों का कहना है कि इस पनडुब्बी को कमीशन करने के बाद भारत की जिम्मेदारी बढ़ गई है. भारत को ज्ञान देने के चीन इस प्रयास को भारतीय विशेषज्ञों ने करारा जवाब देकर उसका मुंह बंद कर दिया है. भारतीय विशेषज्ञों ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन तो अपनी शक्ति का प्रदर्शन नहीं करता है, बस दोस्तों के बंदरगाहों पर जाता है. साथ ही अपनी नौसेना भेजकर ताइवान, जापान, फिलीपीन्स और वियतनाम जैसे पड़ोसी देशों को धमकाता है. इसके बावजूद चीन के विशेषज्ञ भारत को ज्ञान दे रहे हैं.
हिंद प्रशांत में चीन की दादागिरी होगी कम
दरअसल, चीन दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु शक्ति बनना चाहता है, जिसके लिए वह 1 हजार परमाणु बम बनाने के प्रयासों में जुटा हुआ है. इन बमों के जरिए वह भारत और अमेरिका को टक्कर देने की कोशिश कर रहा है. हालाकि भारत के पनडुब्बी अरिघात 6 हजार टन वजनी है, जिसके हिंद प्रशांत क्षेत्र में तैनात होने से चीन की दादागिरी कम हो सकती है और यहीं वजह है कि चीन बौखलाया हुआ है.
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