हिंदू मंदिर पहुंचे अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस, अल्पसंख्यकों को लेकर अधिसूचना जारी

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Bangladesh Hindu: शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद से ही बांग्लादेश में अराजकता का माहौल है. अंतरिम सरकार के गठन के बावजूद अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले कम होने के नाम नहीं ले रहे हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए ने एक हॉटलाइन स्थापित की है. जिसमें लोगों से हिंदू मंदिरों, गिरजाघरों या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर हमलों के बारे में जानकारी देने को कहा गया है.

दरअसल, शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर भारत जाने के बाद कट्टरपंथियों ने अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और संपत्तियों को खूब नुकसान पहुंचाया है. वहीं, कट्टरपंथी अभी भी अल्पसंख्यक हिंदू आबादी को निशाना बना रहे हैं. ऐसे में इन सबको देखते हुए अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए अंतरिम सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है.

अंतरिम सरकार ने जारी की अधिसूचना

जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार कि धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने एक हॉटलाइन स्थापित की है. इसमें अल्पसंख्यकों के उपासना स्थलों पर हमलों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. मंत्रालय की तरफ से जारी एक अधिसूचना के हवाले से खबर में कहा गया, ‘‘यदि किसी मंदिर, गिरजाघर या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर उपद्रवियों की ओर हमला किया जाता है, तो अनुरोध है कि इसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर पर दें.’’

ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे मुहम्मद यूनुस

इस बीच अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने ढाका में एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर का दौरा किया और हिंदू समुदाय के नेताओं को आश्वासन दिया कि मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता स्थापित करना उनके प्रमुख लक्ष्यों में से एक है. ढाकेश्वरी मंदिर में मीडिया से यूनुस ने कहा, “देश में सभी को समान अधिकार है. हमारे बीच कोई भेदभाव नहीं है. कृपया मदद करें, धैर्य रखें और बाद में हमें आंकें कि हमने क्या किया और क्या नहीं किया. अगर हम असफल होते हैं, तो आलोचना करें.”

सिस्टम में सुधार की जरूरत…

अंतरिम सरकार के कानूनी और धार्मिक मामलों के सलाहकार आसिफ नजरूल और एएफएम. खालिद हुसैन भी यूनुस के साथ मंदिर गए थे. यूनुस ने बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद के अध्यक्ष वासुदेव धर और महासचिव संतोष शर्मा की उपस्थिति में कहा, “हमारी लोकतांत्रिक भावना में, हमें मुस्लिम, हिंदू या बौद्ध के रूप में नहीं, बल्कि इंसान के रूप में देखा जाना चाहिए. हमें अपने अधिकारों को लेकर सजग रहना और इसके लिए दावा करना चाहिए. सभी समस्याओं की जड़ में संस्थागत व्यवस्थाओं की कमजोरी है, इसीलिए ऐसी समस्याएं पैदा होती हैं. संस्थागत सिस्टम में सुधार की जरूरत है.”

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