International News: भारत में हुए आम चुनाव के परिणाम पर दुनियाभर के देश नजर बनाए हुए थे. इस बार भारतीय जनता पार्टी मात्र 240 सीटों पर ही सिमट कर रह गई. हालांकि, एनडीए गठबंधन को लेकर पूर्ण बहुमत की सरकार बन रही है. नरेंद्र मोदी एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगे. लेकिन बीजेपी को मिली कम सीट का न सिर्फ देश में ही बल्कि विदेशों में भी मजाक उड़ रहा है. वहीं, पड़ोसी देश चीन पीएम मोदी को एक बार फिर सत्ता में आते देख घबरा गया है.
लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के पत्रकार की प्रतिक्रिया आई है. उसने बीजेपी को मिली कम सीट का पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मोदी कमजोर हो रहे हैं. अब आने वाले समय में पश्चिम के साथ भारत का तनाव बढ़ेगा.
मोदी पर भरोसा करता है अमेरिका
दरअसल, चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसका एक वीडियो भी शेयर किया. इस वीडियो में पत्रकार हू जिजिन ने ‘नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार जीत हासिल की है, लेकिन यह एक तरह से हार है. उनकी पार्टी पूर्ण बहुमत पाने में सफल नहीं हुई है, हालांकि उनके गठबंधन ने पूर्ण बहुमत पाया है. मोदी को सरकार चलाने के लिए छोटे दलों पर निर्भर रहना होगा. उन्होंने कहा कि मोदी का प्रभाव भारत में है, जिसके कारण अमेरिका उन पर भरोसा करता था. एक बार जब मोदी कमजोर होंगे तो अमेरिका आकलन कर सकता है. यह चुनाव मोदी के लिए मजबूत से कमजोर बनने का निर्णायक मोड़ है. वहीं, चीनी पत्रकार के इस विश्लेषण को पूर्व राजनयिक कंवल सिब्बल ने मूर्खतापूर्ण बताया.
भारत और अमेरिका की संबंधों घबराया चीन
पत्रकार ने आगे कहा कि भारत ने पश्चिम के साथ मजबूत संबंध दिखाया है. जो मेल नहीं खाती है. अब पश्चिम के साथ संघर्ष बढ़ने की संभावना है. वहीं, चीनी पत्रकार को पूर्व राजनयिक कंवल सिब्बल ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यह मूर्खतापूर्ण विश्लेषण. इससे यह पता चलता है कि भारत और अमेरिका के संबंधों की मजबूती को लेकर चीन घबराया हुआ है. चीन के मजबूत होते ही अमेरिका ने चीन को अपना प्रमुख शत्रु घोषित कर दिया है. तर्क बिल्कुल विपरीत हैं.
ताइवान भारत के साथ
वहीं, लोकसभा चुनाव पीएम मोदी की जीत पर ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने बधाई दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को चुनावी जीत पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई. हम तेजी से बढ़ी ताइवान-भारत साझेदारी को बढ़ाने, इंडोपैसिफिक में शांति और समृद्धि में योगदान के लिए व्यापार बढ़ाने के लिए तैयार हैं. मोदी ने इसके जवाब में लिखा कि आपकी गर्मजोशी भरे संदेश के लिए धन्यवाद लाई चिंग ते. मैं घनिष्ठ संबंधों की आशा करता हूं, क्योंकि हम पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक और तकनीकी साझेदारी की दिशा में काम करते हैं.