International News: चीन अपने विस्तारवादी नीति पर लंबे समय से काम कर रहा है. वह दूसरे देशों की जमीन हड़पने की पूरी कोशिश में है. चीन एक दो नहीं बल्कि 6 देशों से युद्ध लड़ने की तैयारी कर रहा है. इस मिशन को पूरा करने के लिए चाइना 1840 में लड़े गए अफीम युद्ध के राह पर चल रहा है. इन दिनों चीन ने ताइवान को चारों तरफ से घेर कर हलचल मचा रखा है. आइए जानते हैं क्या है चीन की विस्तारनीति…?
दरअसल, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग विस्तारनीति के तहत दूसरे देशों की जमीन को हड़पना चाहते हैं. माना जा रहा है कि चीन 2060 तक 6 देशों की जमीनों पर कब्जा करना चाहता है. इसी कड़ी में चीन की नजर भारत पर भी हैं. हालांकि, इस मिशन में वो कभी कामयाब नहीं हो पाएगा.
चीन ने किया जंग का आगाज
इधर चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. जलडमरूमध्य में तनाव बढ़ता ही जा रहा है. चीन ताइवान की समुद्री सीमा पर घेराव कर लिया है. चीन और ताइवान के बीच शुरू होने वाले जंग ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है. यानी शी जिनपिंग ने अपने मिशन 2060 का आगाज़ कर दिया है. हालांकि, अगर सभी देश एकजुट हो गए तो चीन का ये मिशन धरा का धरा रह जाएगा. जबकि भारत का मिशन तो चीन भूल जाए तो ही बेहतर है.
चीन का मिशन 2060
- साल 2025 तक ताइवान पर कब्ज़ा करना.
- साल 2030 तक वियतनाम और फिलिपींस पर कब्ज़ा करना.
- साल 2040 तक भारत से अरुणाचल प्रदेश छीनना .
- साल 2045 तक जापान से उसके कब्जे वाले सेनकाकू और रयूकयू द्वीपों को अपने कब्जे में लेना.
- जापान के बाद चीन का इरादा साल 2050 तक मंगोलिया पर कब्जा करने का है.
- साल 2060 तक रूस के 16 लाख वर्ग किलोमीटर इलाके पर कब्जा करना, जिसे चीन अपनी ज़मीन मानता है.
जंग से नहीं डर रहा ताइवान
चीन और ताइवान की गतिविधि को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि दोनों देशों में कभी भी जंग छिड़ सकती है. हालांकि, ताइवान में जीवन सामान्य रूप से चल रहा है. ताइवानियों में चीन का तनिक भी डर नजर नहीं आ रहा है. ताइवानियों का कहना है कि अगर चीनी हमारे देश पर हमला करते है तो भी कब्जा नहीं कर पाएंगे. ताइवानी जंग से नहीं डरते हैं.
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