International News: इस देश ने बनाया ऐसा कानून, अगर नहीं हंसे तो होगी सजा! जानिए वजह

Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

International News: ‘लाफ्टर इज द बेस्ट मेडिसिन’ ये कहावत हम बचपन से सुनते आ रहे हैं. हंसना हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा है. जो न केवल हमारे दिन को अच्छा बनाता है, बल्कि हमारी सेहत को भी दुरुस्त रखता है, लेकिन क्या हो जब हंसना एक मजबूरी हो जाए. दरअसल, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक ऐसा देश है जहां की सरकार ने ऐसा कानून बनाया है, जिसमें 24 घंटे में एक बार हंसना अनिवार्य है. आइए आपको बताते हैं इस अजीबोगरीब कानून के पीछे की वजह…

इस देश में हंसना है अनिवार्य

दरअसल, बिजनेस इंसाइडर वेबसाइट के अनुसार वो देश जापान है, जहां के यामागाटा प्रान्त में सरकार ने एक विचित्र कानून बनाया है, जिसके अनुसार यहां के नागरिकों को 24 घंटे में एक बार हंसना अनिवार्य है. दरअसल, इस कानून के पीछे एक रिसर्च है, जिसे वहां की यूनिवर्सिटी में किया गया है.

क्या है कानून बनाने की वजह

अब आपके मन में ये सवाल होगा कि आखिर किसी भी देश की सरकार अपने नागरिकों को हंसने या रोने पर मजबूर कैसे कर सकती है, तो आपको बता दें कि इसके पीछे एक मुख्य वजह है. दरअसल, वहां की सरकार ने नागरिकों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतरीन रखने के लिए इस कानून को पारित किया है.

कानून का हो रहा विरोध

सोशल मीडिया पर सरकार के इस नियम की जमकर आलोचना हो रही है. सटोरू इशिगुरो और टोरू सेकी जैसे राजनेता भी इस कानून का आलोचना कर रहे हैं. टोरू सेकी ने कहा कि हंसने या न हंसने का अधिकार एक मौलिक मानव अधिकार है. वहीं, इशिगुरो ने तर्क दिया कि अध्यादेश उन लोगों के अधिकारों को कमजोर कर सकता है जो बीमारी या दूसरे कारणों से हंस नहीं सकते.

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कानून तोड़ने पर क्या होगा

तमाम आलोचनाओं का सामना करने के बावजूद लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) के काओरी इटो ने कहा कि यह किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत निर्णय के सम्मान पर जोर देता है और हंसने को मजबूर नहीं करता है. स्थानीय अधिकारियों ने ये भी स्पष्ट किया कि रोजाना हंसने में असमर्थ लोगों के लिए नए नियम में कोई दंड प्रावधान नहीं है. इस कानून का प्राथमिक उद्देश्य अनिवार्य हंसी लागू करने के बजाय हंसी के स्वास्थ्य लाभों की समझ को बढ़ावा देना है.

रिसर्च से प्रेरित होकर बनाया गया कानून

दरअसल, इस कानून को यामागाटा विश्वविद्यालय के एक रिसर्च से प्रेरित होकर बनाया गया है. रिसर्च में दावा किया गया है कि हंसने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है. जो लोग कम हंसते हैं, उनमें हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है और कम उम्र में मरने की संभावना रहती है.

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