पूरी दुनिया में मच सकती है तबाही! NATO चीफ की चेतावनी- “रुकने वाले नहीं पुतिन, आज यूक्रेन तो कल यूरोप की बारी”

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

International Desk: यूक्रेन युद्ध को लेकर नाटो महासचिव मार्क रुटे ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर तीखा प्रहार किया है. उन्‍होंने इस युद्ध में हुई तबाही के लिए पुतिन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनके हाथ खून से सने हैं. साथ ही उन्‍होंने से चेतावनी भी दी है कि पुतिन यूक्रेन को बर्बाद करने के बाद भी रुकने वाले नहीं है, ऐसे में उनका अगला निशाना यूरोप हो सकता है.

मार्क रुटे ने यह स्पष्ट किया कि अगर पुतिन को रोका नहीं गया, तो जो आज यूक्रेन में हो रहा है, वह कल यूरोप में हो सकता है. ऐसे में उन्‍होंने यूरोपीय देशों को एकजुट होकर अधिक खर्च करने और रूस के खिलाफ मजबूत मोर्चा तैयार करने का आह्वान किया.

युद्ध का भयानक असर 

उन्‍होंने कहा कि फरवरी 2022 से शुरू हुए इस संघर्ष में अब तक करीब 10 लाख से अधिक लोग मारे जा चुके है. वहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस युद्ध में हर हफ्ते औसतन 10,000 लोग मारे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि युद्ध के शुरुआत में नाटों के 32 देश इसके लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थें, लेकिन अब उन्‍हें अपनी रक्षा पर ध्‍यान देने की जरूरत है.

यूरोप की स्वतंत्रता को कुचलने की कोशिश में पुतिन 

नाटों के महासचिव ने ब्रसेल्स में कार्नेगी यूरोप थिंक टैंक के सुरक्षा विशेषज्ञों से कहा कि यह समय युद्धकालीन मानसिकता को बदलने का समय है. साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि रूस का खतरा सिर्फ यूक्रेन तक सीमित नहीं रहने वाला है, आने वाले समय में पुतिन यूरोप की स्वतंत्रता को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे यूरोपीय देशों को हल्के में नहीं लेना चाहिए.

रूस की रणनीति से नाटो की बढ़ी टेंशन 

उन्‍होंने कहा कि रूस इस समय साइबर हमलों, हत्याओं, गोला-बारूद डिपो में विस्फोट और बाल्टिक क्षेत्र में हवाई यातायात बाधित करने जैसे हथकंडे अपना रहा है, रूस का यह प्रयास  नाटो देशों को यूक्रेन का समर्थन करने से रोकने और उन्हें अस्थिर करने के लिए किए जा रहे हैं. साथ ही उन्‍होंने रूस और यूक्रेन के बीच किसी भी समझौते का विरोध किया है. उनका मानना है कि ऐसा करने से पुतिन और भी ताकत्‍वर हो जाएंगे, जिसका प्रभाव केवल यूक्रेन और यूरोप पर ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा.

 यूरोप में रक्षा खर्च बढ़ाने की मांग 

रुटे ने बताया कि इस समय नाटो देशों में रक्षा बजट बढ़ा है, और 23 देशों ने जीडीपी का 2 प्रतिशत अपने सैन्य खर्च में डालने का लक्ष्य प्राप्‍त कर लिया है, लेकिन अभी इसे और अधिक करने की आवश्‍यकता है. उन्‍होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अभी तैयारी नहीं की गई, तो भविष्य में भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

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