Iran Israel War: इजराइल और ईरान के बीच जारी तनाव जैसे-जैसे बढ़ रहा है वैसे वैसे इस जंग में पश्चिमी देश अलग-अलग तरीकों से कूद रहे हैं. जहां अमेरिका इजराइल के समर्थन में ईरान पर प्रतिबंधों का दायरा बढ़ा रहा है, वहीं स्वीडन के प्रधानमंत्री ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) को एक आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग कर दी है.
दरअसल, ईरान में प्रदर्शनों का दमन और यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद करने IRGC का अहम योगदान रहा है. इजराइल हमास की जंग की शुरुआत से IRGC पर ईरानी प्राक्सी को मदद करने का आरोप है. इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) की दम पर ही ईरान इजराइल से लोहा ले रहा है. वहीं, इन सबके बीच स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने रविवार को यूरोपीय संघ से मांग की कि ईरान के IRGC को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाए.
स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने कहा, हम चाहते हैं कि स्वीडन अन्य यूरोपीय संघ के देशों के साथ IRGC से जुड़ी गंभीर चिंताओं पर बात करें. जिसमें मध्य पूर्व में उनकी विनाशकारी भूमिका और विभिन्न यूरोपीय देशों में बढ़ती उनकी कार्रवाइयां शामिल हो.
IRGC को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग
एक्सप्रेसन की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वीडिश पीएम ने कहा कि IRGC को रोकने का एकमात्र उपाय ये है कि EU (European Union) IRGC को आतंकवादी संगठन घोषित करे, ताकि हम पहले से लगाए गए प्रतिबंधों की तुलना में और व्यापक तरीके से इसके खिलाफ काम कर सकें.
पहले भी उठ चुकी है मांग
ईरान में प्रदर्शनों का दमन और यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद करने के आरोपों के बाद जनवरी 2024 में यूरोपीय संसद ने यूरोपीय संघ से IRGC को आतंकवादी संगठनों की लिस्ट में डालने की सिफारिश की थी.
यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने 23 जनवरी को ब्रुसेल्स में कहा था, ऐसे कानूनी कारण हैं जिनकी वजह से यूरोपीय संघ संगठन को आतंकवाद लिस्ट में नहीं डाल सकता. यह ऐसा कुछ है जिसका निर्णय न्यायालय के बिना नहीं किया जा सकता, IRGC को इस लिस्ट में लाने के लिए पहले न्यायालय का निर्णय का इंतजार करना होगा.
1979 में हुआ था गठन
ज्ञात हो कि ईरान ने 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स का गठन किया था. इसको ईरान की सेना से भी ताकतवर माना जाता है, IRGC का गठन इस्लामिक क्रांति को बचाने और इसकी विचारधारा का दुनिया भर में प्रसार करने के मकसद से किया गया है. जिसका नेतृत्व ईरान के सुप्रीम लीडर के हाथ में है.