Iran-Lebanon: सालों से सैकड़ों प्रतिबंध झेल रहे ईरान के लिए देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती साबित हो रही है. फिर भी ईरान ने अपने चहेते हिजबुल्लाह के लिए खजाना खोल रखा है. गुरुवार को हिजबुल्लाह चीफ नईम कासिम ने अपने भाषण में कहा कि लेबनान में लगभग 25 लाख परिवारों के लिए कुल 77 मिलियन डॉलर की सहायता दी जाएगी. उन्होंने बताया कि इसमें सबसे अधिक फंडिंग ईरान ने की है.
लेबनानियों को मुआवजा देगा हिजबुल्लाह
हिजबुल्लाह चीफ नईम कासिम के अनुसार, जिन परिवारों के घर इजरायली हमलों में बर्बाद हो चुके हैं, उन्हें मुआवजे के रूप में 8 हजार डॉलर और एक साल के अस्थायी आवास के लिए 4 से 6 हजार डॉलर के बीच की सहायता राशि दी जाएगी. यह रकम इस बात पर निर्भर करेगी कि वे लोग कहां रहते हैं. कासिम ने कहा कि हम विस्थापन प्रक्रिया में इस बड़ी सहायता के लिए इमाम खामेनेई के नेतृत्व वाले ईरान, वहां के लोगों और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) के शुक्रगुज़ार हैं.’
आर्थिक संकट से जूझ रहा ईरान
ईरान की ओर से हिजबुल्लाह को इतनी बड़ी सहायता ऐसे समय पर दी गई है जब देश खुद बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. दशकों से अमेरिकी प्रतिबंधों और आर्थिक कुप्रबंधन के वजह से महंगाई चरम पर है. ईरानी करेंसी कई दशकों के निचले लेवल पर पहुंच गई है. बीते बुधवार को ईरानी मुद्रा अमेरिकी डॉलर के तुलना में 719,500 रियाल के सबसे निम्नतम स्तर पर पहुंच गई, जो सितंबर के बाद से चौथी रिकॉर्ड गिरावट है. इसी हफ्ते की शुरुआत में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने अपने संबोधन में देश के विदेशी मुद्रा भंडार के घटने की चेतावनी देते हुए बिजली, पानी और प्राकृतिक गैस की कमी के वजह से आर्थिक संकट के संकेत दिए थे.
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