Iran Hijab Law: ईरान की संसद में हिजाब को लेकर एक सख्त कानून पास कर दिया गया है. इस कानून के तहत हिजाब का विरोध करने या सही तरीके से हिजाब न पहनने वाली महिलाओं को कठोर सज़ा दी जाएगी. ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान जो हिजाब को लेकर कड़े प्रतिबंधों की आलोचना करते रहे हैं, उनके कार्यकाल के महज चार महीने के बाद ही हिजाब से जुड़ा नया कानून लॉ मेकर्स ने पारित कर दिया है.
हिजाब पहनना अनिवार्य
ईरान की संसद ने हिजाब और शुद्धता बिल को पास कर दिया, इसके तहत ईरान में महिलाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य होगा. ऐसा नहीं करने पर कड़ी सज़ा दी जाएगी. जानकारी दें हिजाब के खिलाफ बढ़ रहे महिलाओं के विरोध को देखते हुए ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निर्देशों के बाद ईरानी ज्यूडिशरी द्वारा ‘हिजाब और शुद्धता’ बिल को ड्राफ्ट किया गया था.
ईरान में हिजाब का बढ़ रहा विरोध
1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद से ही ईरान में महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर सिर ढकना अनिवार्य है. हालांकि साल 2022 में ईरानी-कुर्दिश महिला महसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई. जिसके बाद से हिजाब न पहनने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है. 22 वर्षीय महसा अमीनी को ईरान की मोरालिटी पुलिस ने देश के ड्रेस कोड का पालन न करने के वजह से अरेस्ट किया था. आरोप हैं कि पुलिस ने अमीनी को बेरहमी से पीटा जिससे उनकी जान चली गई. अमीनी की मौत के बाद ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.
क्या कहता है हिजाब से जुड़ा नया कानून?
ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सार्वजनिक स्थानों और सोशल मीडिया पर सही तरीके से हिजाब न पहनने या पूरी तरह से हिजाब का त्याग करने वाली महिलाओं पर यह कानून 20 महीने की सैलरी के बराबर जुर्माना लगाने की अनुमति देता है. यह जुर्माना 10 दिनों के अंदर भरा जाना चाहिए. साथ ही ऐसा न करने पर उस महिला को कई तरह की सरकारी सुविधाओं जैसे- पासपोर्ट रिन्यू या इश्यू करना, ड्राइविंग लाइसेंस और एग्जिट परमिट जारी करने से वंचित कर दिया जाएंगी.
सीसीटीवी से रखी जाएगी नजर
इस कानून के तहत संस्थानों को पुलिस की सहायता के लिए सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध करानी होगी, जिससे उन महिलाओं की पहचान की जा सके. अगर संस्थानों ने ऐसा करने से मना कर दिया तो उन पर भी भारी भरकम जुर्माना लगाया जाएगा या फिर संस्थान को ही सस्पेंड कर दिया जाएगा.
इसके साथ ही यह कानून में वस्तुओं जैसे कपड़े, मूर्तियों और खिलौनों के डिजाइन या प्रचार को भी अपराध माना जाता है जो ‘नग्नता’ या पर्दा न करने को प्रोत्साहित करते हैं. इसके अलावा खनन, उद्योग और व्यापार मंत्रालय को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह कपड़ों के निर्माता और आपूर्तिकर्ता पर नज़र रखकर यह सुनिश्चित करें कि कपड़े हिजाब कानून के तहत हो.
नया कानून कब होगा लागू?
राष्ट्रपति पेजेश्कियान के पास संसद ने इस नए कानून को भेज दिया है, उनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून देशभर में प्रभावी होगा. हालांकि देश के संविधान के अनुसार राष्ट्रपति के पास यह अधिकार है कि वह कानून को लेकर संबंधित एजेंसी को अधिसूचना भेजने या लागू करने में देरी करें. ईरान के एक्टिविस्ट और महिला अधिकारों की वकालत करने वालों ने पेजेश्कियान से मांग की है कि वह विवादास्पद कानून को लागू होने से रोकने के लिए अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें.
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