Iran Rejects US Offer For Nuclear Talk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक ओर जहां रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में जुटें हुए है, वहीं, दूसरी ओर इरान इजरायल पर भी नजर बनाए हुए है. ऐसे में हाल ही में उन्होंने ईरान को एक पत्र लिखकर वार्ता के लिए चेतावनी दी थी कि यदि वो संघर्ष को लेकर बातचीत नहीं करते है, तो उन्हें सैन्य हमले का सामना करना पड सकता है, लेकिन ईरान ने ट्रंप के इस चेतावनी को दरकिनार कर दिया है.
दरअसल, शुक्रवार को ईरान द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि जब तक अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत अपनी दबाव नीति और आर्थिक प्रतिबंध जारी रखेगा, तब तक वह परमाणु वार्ता फिर से शुरू नहीं करेगा.
अमेरिका बात नहीं करेगा ईरान
रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने ये स्पष्ट किया कि उनका देश संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) के अन्य सदस्यों के साथ बातचीत जारी रखेगा, मगर अमेरिका के साथ तब तक कोई सीधी बातचीत नहीं करेगा, जब तक ट्रंप की अधिकतम दबाव नीति जारी रहती है.
JCPOA और यूरोपीय देशों के साथ वार्ता
अब्बास अराघची ने कहा कि हम अमेरिका के साथ सीधी बातचीत नहीं करेंगे, लेकिन हम तीन यूरोपीय देशों, रूस और चीन के साथ वार्ता जारी रखेंगे. मुझे विश्वास है कि हम इस रास्ते से किसी नतीजे तक पहुंच सकते हैं. साथ ही अराघची ने इजरायल द्वारा ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमले की धमकियों को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि ईरान की परमाणु तकनीक एक ऐसा ज्ञान है, जिसे बम से नष्ट नहीं किया जा सकता.
अमेरिका को युद्ध में लाना चाहता है इजरायल
अराघची ने कहा कि ईरान इजरायल की सैन्य शक्तियों से परिचित है. ऐसे में यदि ईरान पर कोई हमला होता है तो यह पूरे क्षेत्र में युद्ध की आग को भड़का सकता है. उन्होंने कहा कि इजरायल, अमेरिका को युद्ध में खीचना चाहता है, अगर ऐसा होता है तो अमेरिका की स्थिति बेहद कमजोर हो जाएगी.
इसे भी पढें:-भूकंप के झटकों से कांपा भारत का ये पड़ोसी देश, महज कुछ घंटों के अंतराल पर दो बार डोली धरती