G7 Summit: इटली की धरती से दुनिया के 7 ताकतवर देशों ने ईरान को चेतावनी दी है. दरअसल, इटली में जी 7 समिट का आयोजन किया गया. इस शिखर सम्मेलन में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई, लेकिन केंद्र में रूस और यूक्रेन जंग और गाजा-इजराइल युद्ध रहा. दोनों ही युद्धों में ईरान की अहम भूमिका सामने आई है, जिसको लेकर अब ईरान को वार्निंग मिल गई है. दुनिया के सात ताकतवर देश के नेताओं ने शुक्रवार को ईरान को चेतावनी दी कि ईरान रूस को बैलिस्टिक मिसाइले न दें. यह वार्निंग ऐसे समय में दी गई है जब कुछ दिन पहले ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक समझौते को ईरान ने कुछ समस्याओं के कारण रोक दिया.
रूस को बैलिस्टिक मिलाइलें देने की प्लानिंग
जानकारी के अनुसार, यूक्रेन के साथ युद्ध और दोनों ही देशों पर बढ़ते पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के बाद रूस और ईरान करीब आए हैं. खबरों की मानें तो यूक्रेन से युद्ध में ईरान रूस को सैकड़ों कामिकेज़ ड्रोन दे चुका है, साथ ही ये भी खबर है कि ईरान रूस को अपने बैलिस्टिक मिसाइलें देने की सोच रहा है.
क्या बोले G7 देश?
जी 7 सम्मेलन के सदस्य देशों ने जॉइंट स्टेटमेंट में कहा कि हम ईरान से यूक्रेन-रूस युद्ध में रूस को मदद करना बंद करने और बैलिस्टिक मिसाइलों और युद्ध से जुड़ी टेक्निक को रूस को न देने का आह्वान करते हैं, क्योंकि ये सीधे तौर पर युद्ध को बढ़ावा देना और यूरोपीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित होगा. फरवरी में रॉयटर्स ने कहा था कि ईरान ने रूस को बड़ी संख्या में शक्तिशाली सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें सप्लाई की हैं. बाद में ब्रिटेन के रक्षा सचिव ग्रांट शैप्स ने भी इसका जिक्र किया था.
ईरान और रूस की बीच नई साझेदारी
ईरान और रूस बड़े महत्वाकांक्षी समझौते की ओर आगे बढ़ रहे हैं. इसकी परिकल्पना पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी के कार्यकाल में की गई थी और इब्राहिम रईसी ने इसकी घोषणा की थी. साल 2022 में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करने और मसौदा पेश करने के बाद रईसी ने कहा था कि ये रणनीतिक सहयोग 20 सालों में दोनों देशों के संबंधों को रेखांकित करेगा. इस साल इस समझौते को होने की उम्मीद थी, लेकिन कुछ कारणवश ईरान ्रने समझौते पर रोक लगा दिया है. इसकी जानकारी रूस ने बुधवार दी.
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