Iran Supreme Leader Ali Khamenei Speech: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार संभालने के दो दिन बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई अपने समर्थकों के सामने आए और यह दिखाने की कोशिश की कि पिछले साल इजरायल के साथ हुए तनाव के बाद भी वो कमजोर नहीं हुए है. इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि दुश्मन ऐसा सोच रहे है, तो वो उनकी बड़ी भूल है.
दरअसल, ईरान का मानना है कि अमेरिका का नया प्रशासन ईरान पर कुछ सख्त प्रतिबंधों को लागू कर सकता है. ऐसे में सुप्रीम लीडर ने कहा किे साथ मध्य पूर्व में इजरायल के एक साल से ज्यादा चली लड़ाई के बाद भी ईरान कमजोर नहीं हुआ है. साथ ही उन्होंने अपने तथाकथित दुश्मनों को तेहरान की ताकत परखने की चुनौती देते हुए कहा कि भ्रम से भरे उस शख्स ने दावा किया है कि ईरान कमजोर हो गया है, लेकिन अब भविष्य ही बताएगा कि वास्तव में कौन कमजोर हुआ है.
ईरान को बताया जा रहा था कमजोर
बता दें कि हाल ही इजरायल और ट्रंप के साथ ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी ईरान को कमजोर बताया था. हालांकि इन सभी नेताओं के बयान के पीछे सीरिया में ईरान सहयोगी बशर अल-असद की सरकार के पतन, वायु रक्षा क्षमताओं पर इजरायल के हमलों और एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस के नेताओं की हत्या का हवाला दिया था.
ईराक-ईरान युद्ध का किया जिक्र
ऐसे में ईराक और ईरान के युद्ध का जिक्र करते हुए सुप्रीम लीडर ने कहा कि इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन ने सितंबर 1980 में ईरान पर हमला शुरू किया था और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने इसमें मदद की थी, इन दोनों देशों को लगा था कि ईरान कमजोर है.
ऐसे दर्जनों नेता खत्म हो गए, जो….
खामेनेई ने आगे कहा कि ऐसे दर्जनों नेता खत्म हो गए, जो ऐसा सोचते थे कि ईरान कमजोर हो गया है. उन्होंने कहा कि ईरान कमजोर नहीं, बल्कि दिन-ब-दिन ताकतवर होता जा रहा है, जो फिर से इतिहास को दोहराएगा. वहीं, हाल ही मे गाजा में हुए इजरायल हमास युद्धविराम को अली खामेनेई ने जीत कहा है. उन्होंने कहा कि उनका एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस अभी भी जिंदा है.”
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