Iran Supreme Leader Letter to US Student: ईरान के राष्ट्रपति रईसी की मौत के बाद यहां की राजनीति में काफी उथल-पुथल मची हुई है. वहां के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई अपने मिशन में जुट गए हैं. वैसे तो ईरान के सुप्रीम लीडर बहुत कम मुद्दों पर बात करते हैं. लेकिन जो विचार वो रखते हैं, उसका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिलता है. आज सुप्रीम लीडर ने अमेरिकी छात्रों को एक संदेश दिया है. जिसकी चर्चा चारों तरफ हो रही है. आइए जानते हैं क्या है संदेश…?
Dear university students in the United States of America, you are standing on the right side of history.
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) May 29, 2024
दरअसल, हाल ही में अमेरिका में फिलिस्तीन के समर्थन में जो प्रदर्शन किए गए हैं, उसके लिए ईरान की सुप्रीम लीडर खामेनेई ने छात्रों की तारीफ भी की है. साथ ही एक खास अपील भी की है. अमेरिकी छात्रों के प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम लीडर ने एक लंबा चौड़ा पत्र लिखा है.
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने अमेरिकी छात्रों के सामने कई अहम बातें रखी है. इस पत्र की शुरुआत अल्लाह (ईश्वर) के नाम से की गई है, खामेनेई ने कहा, “मैं यह पत्र उन युवाओं को लिख रहा हूं जिनके जागे हुए ज़मीर ने उन्हें गाजा की उत्पीड़ित महिलाओं और बच्चों की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया है. अमेरिका के विश्वविद्यालय के प्रिय छात्रों, यह संदेश आपके साथ हमारी सहानुभूति और एकजुटता दिखाता है, जैसे-जैसे इतिहास का पन्ना पलट रहा है, आप इस दौर में सच्चे रास्ते पर खड़े हो.”
ख़ामेनेई ने छात्रों के प्रदर्शनों पर कहा, “आपने रेसिस्टेंस मोर्चे की एक ब्रांच बना ली है और अपनी सरकार के क्रूर दबाव के सामने एक सम्मानजनक संघर्ष शुरू कर दिया है. आपका संघर्ष एक ऐसी सरकार से है, जो खुले तौर पर हड़पने वाले और क्रूर ज़ायोनी शासन का समर्थन करती है.”
ये हैं पत्र की खास बातें
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने पत्र के माध्यम से अमेरिकी छात्रों से कहा, “छात्रों से कहा आपसे हजारों किलोमीटर दूर आप जैसी सोच रखने वाला एक बड़ा संघर्ष दशकों से चल रहा है. इस संघर्ष का मकसद उस ज़बरदस्त दमन को ख़त्म करना है जो ज़ायोनी आतंकवादी नेटवर्क ने कई सालों से फ़िलिस्तीनी राष्ट्र पर ढाया है. उनके देश पर कब्जा करने के बाद इजराइल ने उन पर कई अत्याचार किए हैं.”
सिर्फ मुसलमानों का देश नहीं फिलिस्तीन
खामेनेई ने आगे कहा कि फिलिस्तीन सिर्फ मुसलमानों का देश नहीं है. उन्होंने कहा, “आज का नरसंहार इजराइल द्वारा किए जा रहे दशकों के दमनकारी व्यवहार का ही परिणाम है. फिलिस्तीन एक आजाद देश है, जिसका इतिहास बहुत पुराना है. यह मुसलमानों, ईसाइयों और यहूदियों से बना एक राष्ट्र है.
Imam Khamenei’s letter addressed to the American university studentshttps://t.co/A9n98vGdT9#LetterFromLeader #United4Palestine pic.twitter.com/c9gnFrWyKc
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) May 29, 2024
कुरान से जुड़ने की अपील
खामेनेई ने फिलिस्तीन पर हो रहे जुल्म के पीछे अमेरिका और ब्रिटेन का हाथ होने की बात की है उन्होंने कहा, सच अब दुनिया के सामने आ रहा है और दुनियाभर में लोग क्रूर ज़ायोनी शासन को समझ चुके हैं. उन्होंने पत्र के आखिर में कहा कि जल्द ही ईश्वर की कृपा से हमारी जीत होगी और छात्रों को सलाह दी कि वे सच्चे रास्ते पर चलने के लिए कुरान की शिक्षाओं के बारे में जानें और उसे पढ़ें.