Iran: ईरान ने 3 नए स्वदेशी उपग्रहों का किया अनावरण, जल्द दो और अंतरिक्ष प्रक्षेपण करने की है योजना

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Iran Unveils 3 New Indigenous Satellites: ईरान ने अपने राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी दिवस के मौके पर तीन नए स्वदेशी उपग्रहों का अनावरण किया. ईरान ने अपने इस समारोह का आयोजन तेरहान में किया था, जिसमें राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्री सैय्यद सत्तार हाशमी, कैबिनेट के अन्य सदस्य, अधिकारी और सैन्य कमांडर शामिल हुए. वहीं, इस मौके पर लॉन्‍च किए गए तीनों उपग्रहों के नाम- नवाक-1, पारस-2 और पारस-1 (उन्नत मॉडल) हैं.

दीर्घवृत्तीय कक्षा में स्थापित होगा उपग्रह

नवाक-1 एक संचार उपग्रह है, जिसे ईरानी अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ने विकसित किया है और इसे जल्‍द ही स्‍वदेशी सिमोर्ग प्रक्षेपण यान से लॉन्च किया जाएगा. यह उपग्रह दीर्घवृत्तीय कक्षा में स्थापित किया जाएगा और इसका वजन लगभग 34 किलोग्राम है. इसके अलावा, इसमें ब्रह्मांडीय किरणों को मापने के लिए एक डोसिमेट्री पेलोड और पृथ्वी के विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र को मापने के लिए एक मैग्नेटोमीटर सेंसर लगा है.

शहरी प्रबंधन जैसे कार्यों में होगा इस्‍तेमाल

पारस-2 यह एक रिमोट-सेंसिंग उपग्रह है, जो दो स्वदेशी रैखिक स्थिति सेंसर और दो इमेजिंग पेलोड से लैस है. 150 किलोग्राम वजनी यह उपग्रह पर्यावरण निगरानी, वानिकी, प्राकृतिक आपदा प्रतिक्रिया और शहरी प्रबंधन जैसे कार्यों में इस्‍तेमाल किया जाएगा. इसके साथ ही इसमें एक प्रोपेलर भी लगा है, जिससे यह अपनी स्थिति को नियंत्रित कर सकता है.

इसके अलावा पारस-1 का उन्नत मॉडल भी एक रिमोट-सेंसिंग उपग्रह है, जिसका वजन 150 किलोग्राम से कम है. इसमें तीन इमेजिंग पेलोड हैं—मल्टीस्पेक्ट्रल, शॉर्ट-वेव इंफ्रारेड और थर्मल इंफ्रारेड. यह उपग्रह गैलियम आर्सेनाइड सौर कोशिकाओं से ऊर्जा प्राप्त करता है.

20 मार्च से पहले दो और अंतरिक्ष प्रक्षेपण करने की योजना

बता दें कि पारस-1 का पहला मॉडल 29 फरवरी 2024 को रूसी सोयुज रॉकेट से लॉन्च किया गया था, जिसका वजन 134 किलोग्राम था. इतना ही नहीं, ईरानी रक्षा मंत्री अजीज नसीरज़ादेह ने घोषणा की है कि देश 20 मार्च से पहले दो और अंतरिक्ष प्रक्षेपण करने की योजना बना रहा है. हालांकि इससे पहले 27 सितंबर 2024 को, ईरान ने नूर-3 नामक इमेजिंग उपग्रह को पृथ्वी से 450 किमी की ऊंचाई पर स्थापित किया था.

दरअसल, इस साल के शुरूआत में ही ईरान ने सिमोर्ग प्रक्षेपण यान से महदा रिसर्च सैटेलाइट को भी अंतरिक्ष में भेजा था, जिसका वजन 32 किलोग्राम है. वहीं, इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में नई तकनीकों का परीक्षण करना और स्वदेशी प्रणालियों की विश्वसनीयता को सत्यापित करना है.

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