Iran Warning to Muslim Countries: पिछले कुछ समय से अमेरिका और हूती विद्रोहियों को समर्थन और न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर चल रहे तनाव के बीच ईरान का बड़ा बयान सामने आया है. इस दौरान ईरान ने अपने आस-पास के मुस्लिम बहुल देशों को सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि यदि इन छह पड़ोसी देशों ने किसी भी हालत में अमेरिका की मदद की, तो इसे ईरान का दुश्मन माना जाएगा.
ईरान के पड़ोसी देशों को दी गई इस चेतावनी में कहा है कि यदि अमेरिका को हमले में किसी तरह की मदद मिली तो वह जवाब देने के लिए पूरी तरह आजाद होगा और उन देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है.
माना जाएगा ईरान के खिलाफ युद्ध
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने जिन छह देशों को चेतावनी जारी की है, उसमें इराक, कुवैत, यूएई, कतर, तुर्की और बहरीन शामिल है. इस दौरान ईरान ने कहा है कि यदि इन छह देशों ने अमेरिका को अपनी जमीन या हवाई रास्ता इस्तेमाल करने की इजाजत दी तो वह इसे ईरान के खिलाफ युद्ध माना लेगा.
अमेरिका करने वाला है कोई बड़ा हमला
बता दें कि ईरान द्वारा यह चेतावनी ऐसे समय में दी गई है, जब ईरान और अमेरिका के बीच तनाव काफी बढ़ा हुआ है. ऐसे में ईरान के इस चेतावनी के बाद अब ये सवाल उठाना शुरू हो गया है कि क्या अमेरिका की तरफ से कोई सैन्य हमला होने वाला है, जिसकी भनक ईरान को पहले ही लग गई है, जिससे वो अपने आस-पास के अमेरिकी समर्थक देशों को सावधान कर रहा है.
जवाब देने के लिए ईरान है तैयार
मीडिया के मुताबिक, ईरान ने पड़ोसी देशों को चेतावनी दी है कि यदि कोई देश अमेरिका का साथ देगा, तो उसे इसके गंभीर नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना होगा. हालांकि ईरान के इस चेतावनी पर किसी भी पड़ोसी देश की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
पर्दे के पीछे होगी ईरान और अमेरिका की वार्ता
हालांकि इससे पहले ईरान ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सीधी बातचीत की पेशकश को ठुकरा दिया था. वहीं अब ओमान के जरिए बातचीत करना चाहता है. बता दें कि ओमान पहले भी दोनों देशों के बीच बातचीत करवाने में मदद करता रहा है. ऐसे में ईरान का मानना है कि यदि बातचीत पर्दे के पीछे हो तो दोनों देश बिना किसी दबाव या सार्वजनिक वादे के शांति से बात कर सकते हैं.
ईरान ने बातचीत से किया इनकार
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि यदि ईरान अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम पर बातचीत नहीं करता, तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई कर सकता है. इसके जवाब में ईरान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वो बात नहीं करेगा, जिससे खाड़ी क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है.
मुश्किलों से घिर सकता है अमेरिका
ऐसे में जानकारी का मानना है कि ईरान किसी भी संभावित अमेरिकी हमले के लिए पहले से तैयारी कर रहा है और यही वजह है कि उसने अपने पड़ोसी देशों को चेतावनी दी है. क्योकि ईरान नहीं चाहता कि आस-पास के देश इस झगड़े में शामिल हों. और ऐसा होता है तो अमेरिका अकेला पड़ जाएगा और उसे इस लड़ाई में ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.
इसे भी पढें:-Dubai Crown Prince: दो दिवसीय दौरे पर आज भारत आएंगे दुबई के क्राउन प्रिंस, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात