जल्द ही Pars-2 सैटेलाइट का अनावरण करेगा ईरान, क्या है इसकी खासियत?

Raginee Rai
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Iran Pars-2 Satellite: ईरान नए साल में अपने ‘पार्स 2’ सैटेलाइट को दुनिया के सामने पेश करने जा रहा है. ईरानी अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख हसन सलारिया ने बताया है कि ‘पार्स 2’ सैटेलाइट का अनावरण 10 दिवसीय फज्र उत्सव के दौरान किया जाएगा. फज्र उत्‍सव, इस्लामिक क्रांति की जीत की वर्षगांठ के जश्‍न के रूप में मनाया जाता है.

ईरान का अंतरिक्ष उद्योग दूसरे मुल्कों से अलग- सलारिया

मंगलवार को तेहरान यूनिवर्सिटी में एक समारोह के दौरान, हसन सलारिया ने इस बात पर जोर दिया कि प्रतिबंध से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की कमी के वजह से ईरान का अंतरिक्ष उद्योग अन्य देशों से अलग है. अंतरिक्ष उद्योग में ईरान की आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए सलारिया ने कहा कि दुनिया भर में उच्च तकनीक वाले उद्योगों को अक्सर स्थानांतरित नहीं किया जाता है, और जब किया जाता है, तो लागत बहुत अधिक होती है, लेकिन ईरान के पास इन तकनीकों को पाने का अवसर नहीं था.

2000 के दशक के आखिर में, शरीफ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IUST), मालेक अश्तर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और के.एन. तूसी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने मानव संसाधन को ट्रेंड करके और सैटेलाइट प्रोजेक्ट की शुरुआत करके अंतरिक्ष क्षेत्र में कदम रखा था.

पार्स-2 सैटेलाइट की खासियत

हसन सलारिया ने बताया कि शरीफ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्‍नोलॉजी ने पहले कई दसियों मीटर की इमेजिंग सटीकता के साथ उपग्रहों का निर्माण किया था, उन्होंने कहा कि ईरान करीब 20 सालों के बाद 2 से 3 मीटर की प्रभावशाली सटीकता के साथ उपग्रहों का निर्माण करने में आगे बढ़ गया है. उन्होंने यह भी बताया कि नवंबर में रूसी रॉकेट से लॉन्च किए गए ‘कौसर सैटेलाइट’ ने 4 मीटर की इमेजिंग सटीकता हासिल की है. उन्होंने बताया कि 2 मीटर की इमेजिंग सटीकता वाले ‘पार्स 2 सैटेलाइट’ का फज्र उत्सव में अनावरण किया जाएगा.

फज्र उत्‍सव, इस्लामिक क्रांति की जीत की वर्षगांठ

बता दें कि 11 फरवरी 1979 को ईरान की इस्लामिक क्रांति ने पहलवी राजवंश के शासन को गिरा दिया था. जनवरी 1978 से विद्रोह शुरू हुआ था, जिसका नेतृत्‍व ईरान के पहले सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह रुहुल्ला खुमैनी ने किया था. हर साल ईरान इस दिन को फज्र उत्सव के रूप में मनाता है.

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