Israel-America-Iran War: अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता संभालते ही ईरान पर एक्शन शुरू हो सकता है. ट्रंप ने अपने एक बयान में खुद ही कहा था कि ईरान में मामले में किसी भी कार्रवाई से वो इंकार नहीं करते है. ऐसे में अमेरिका के सत्ता की बागडोर ट्रंप के हाथों में होना वाकई में ईरान के खतरें की घंटी साबित हो सकती है.
वहीं, अभी पिछले सप्ताह ही अमेरिका के सेंट्रल कमांड के डिप्टी कमांडर वाइस एडमिरल ब्रैड कूपर ने इजरायल का दौरा किया. इस दौरान कूपर ने इजरायली सेना के मेजर जनरल अमीर बाराम के साथ ईरान के परमाणु ठिकानों पर संभावित हमले की तैयारी को लेकर चर्चा की. साथ ही बाइडन प्रशासन की ओर से रोके गए हथियारों की आपूर्ति को भी पूरा करने पर चर्चा हुई है, जिसमें 1,700 भारी बम, और 134 डी9 कैटरपिलर बुलडोजर भी शामिल है.
ईरान भी अपनी तैयारियों को कर रहा मजबूत
एक इजरायली रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात से इनकार नहीं किया कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले का आदेश नहीं दे सकते हैं. ऐसे में ईरान भी ट्रंप के सत्ता में लौटने को लेकर अपनी तैयारियों को मजबूत कर रहा है. दरअसल, हाल ही में ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि “साल 2025 ईरानी परमाणु मुद्दे के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होगा.”
ईरान को लेकर आक्रामक रहा है ट्रंप का रूख
दरअसल, ईरान को लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी सत्ता में वापसी से इजरायल को काफी मजबूती मिलेगी. वहीं, अमेरिका और इजरायल लगातार ये कहते आ रहे है कि ईरान के पास परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम है. हालांकि ईरान के प्रति अमेरिका का रूख काफी आक्रामक रहा है. ऐसे में ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की आशंका है.
इजरायली सेना ने क्या कहा?
वहीं, इजरायली सेना के प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिकी डिप्टी कमांडर वाइस एडमिरल ब्रैड कूपर ने हाल ही में कई इजरायली वायुसेना के अड्डों का दौरा किया है. साथ ही उन्होंने ऑपरेशनल गतिविधियों की समीक्षा करते हुए यमन से आने वाले खतरों और अमेरिकी सेना के सहयोग को लेकर भी चर्चा की.
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