सीरिया के बफर जोन में इजरायली सेना ने तैयार किया मिलिट्री बेस, सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Israel Army in Syrian Border: इजरायल गाजा के बाद अब इजरायल सीरिया के बफर जोन के अंदर सैन्य अड्डे बना रहा है. इस बात की जानकारी सैटेलाइट तस्वीरों से मिली है, जो 19 दिसंबर, 2024 को सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के रूस की राजधानी मॉस्को भाग जाने के 11 दिन बाद और 1 फरवरी, 2025 के बीच खींची गई है.

इन तस्‍वीरों में बफर जोन में बनाए गए 7 मिलिट्री साइट दिखाई दे रहे है. जबकि इनके अलावा, एक और मिलिट्री अड्डा बफर जोन के बाहर और सीरियाई इलाके के अंदर बनाया जा रहा है. सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक, इन साइटों के पास सड़क निर्माण को भी देखा गया है, जो इजरायल को सीरियां के बफर जोन में स्थित इन मिलिट्री साइटों से जोड़ रही है.

इस क्षेत्रों में बनाएं गए इजरायली सैन्य अड्डे

रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेना के सात मिलिट्री अड्डों में पहली-हदर गांव के पश्चिम में, दूसरी जबाता अल-खशाब के पश्चिम में, तीसरी अल-हमिदियाह के उत्तर में, चौथा कुनेत्रा गांव, पांचवा और छठा अजीज झील के दक्षिण में और सातवां ताल अल-अहमर के ऊपर बनाया गया है.

इजरायल और सीरिया ने किया था युद्ध विराम समझौता

बता दें कि साल 1974 में इजरायल और सीरिया के बीच एक युद्धविराम समझौता हुआ था, जिसके अनुसार गोलान हाइट्स में स्थित क्षेत्र एक विसैन्यीकृत बफर जोन का होना तय किया गया था, लेकिन 50 साल से ज्यादा समय तक चले शासन के बाद अल-असद शासन के गिरने के कुछ समय बाद ही इजरायली सेना ने बफर जोन के अंदर जाना शुरू कर दिया और सीरियाई इलाके में प्रवेश कर गई.

दरअसल, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि 1974 का समझौता एक अपदस्थ शासन के साथ किया गया था और इसलिए यह अमान्य है. हम किसी भी शत्रुतापूर्ण ताकत को अपनी सीमा पर स्थापित नहीं होने देंगे.”

सीरिया की अंतरिम सरकार समझौते का कर रही समर्थन

सीरिया के बफर जोन में इजरायल ने उस वक्‍त प्रवेश किया है, जब सीरिया के नए अंतरिम राष्ट्रपति और विद्रोही नेता अहमद अल-शरा ने स्पष्ट कर दिया था कि उनका नया प्रशासन इजरायल के साथ 1974 के शांति विराम समझौते का मान्यता देगा. दरअसल सीरिया की अंतरिम राष्ट्रपति ने 14 दिसंबर, 2024 को कहा था, “वर्षों के संघर्ष और युद्ध के बाद सीरिया की युद्ध से थकी हुई स्थिति किसी भी नए टकराव की अनुमति नहीं देती है. इस चरण में प्राथमिकता पुनर्निर्माण और स्थिरता है, न कि ऐसे विवादों में उलझना जो आगे चलकर विनाश का कारण बन सकते हैं.”

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