Israel: इजरायली अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इजरायली लोगों से बना एक जासूसी नेटवर्क को ध्वस्त कर सात लोगों को गिरफ्तार किया है, दावा किया जा रहा है कि ये सभी ईरान के लिए खुफिया जानकारी जुटा रहे थे. कहा जा रहा है कि यह एक साल पहले गाजा में शुरू हुए युद्ध के बाद से ईरान से जुड़ा सबसे बड़ा मामला है.
इजरायली पुलिस और सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के एक बयान के मुताबिक, इन सातों आरोपियों को देश के उत्तरी भाग से गिरफ्तार किया गया. फिलहाल, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है कि यह गिरफ्तारी कब और कैसे हुई है.
संदिग्धों पर लगे ये आरोप
दरअसल, सुरक्षा एजेंसी ने जांच में पाया कि उन्होंने दो ईरानी एजेंटों के निर्देशन में दो साल तक खुफिया मिशन चलाए थे. साथ ही उनपर इजरायली वायु सेना और नौसेना के प्रतिष्ठानों, बंदरगाहों, आयरन डोम मिसाइल रक्षा प्रणालियों समेत एक बिजली संयंत्र की तस्वीरें खींचने और उसके बारे में जानकारी इकट्ठा करने का भी संदेह है.
इजरायली सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, संदिग्धों ने देश के दक्षिण में नेगेव रेगिस्तान में स्थित एयरबेस नेवातिम की निगरानी की थी, जिस पर ईरान ने 1 अक्टूबर को मिसाइलों से हमला करने का प्रयास किया था.
ऐसे जुटा रहे थे खुफिया जानकारी
हालांकि गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में दो को नाबालिग बताया गया है. सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि संदिग्धों ने ईरानी मार्गदर्शन में जासूसी कार्यों के लिए विशेष रूप से खरीदे गए उपकरणों का इस्तेमाल किया. वहीं, कुछ संदिग्धों को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वो पास के ही रहने वाले एक वरिष्ठ इजराइली नागरिक के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने में जुटें हुए थें. हालांकि उनकी पहचान के बारे में कोई विवरण नहीं दिया गया है.
यहूदी इजरायली नागरिक थें संदिग्ध
बयान में कहा गया कि पकड़े गए संदिग्ध यहूदी इजरायली नागरिक थें, जिनके खिलाफ आने वाले दिनों में आरोप लगाए जाने की उम्मीद है. इतना ही नहीं, संदिग्धों को सैकड़ों हजार डॉलर का भुगतान किया गया था, जिनमें से कुछ क्रिप्टोकरेंसी में थे. वहीं, इजरायली मीडिया के मुताबिक, वो मूल रूप से अजरबैजान के थे, जिन्होंने कहा कि वह पैसे के लिए ऐसे करने के लिए तैयार हुए.
इसे भी पढें:-अभी भी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना? ढाई महीने बाद राष्ट्रपति का दावा, कहा- मुझे नहीं दिया इस्तीफा