Israel: हमास ने युद्ध विराम समझौते के तहत इजरायल की चार महिला सैनिकों को शनिवार को रिहा किया है. वहीं इसके बदले में इजरायल ने 200 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है. इन चार सैनिकों में करीना एरीव, डेनिएला गिल्बोआ, नामा लेवी और लिरी अलबाग शामिल हैं. इसको गाजा में रेड क्रॉस को सौंप दिया गया. महिला सैनिकों ने हमास के कैद से रिहा होने क बाद अपनी आपबीती बताई है. उन्होंने बताया कि हमसे आतंकियों के खाना बनाया जाता था. टायलेट साफ करवाया जाता था. साथ ही उन्हें भूखा रखा जाता था.
सूरज की रोशनी से दूर रखा गया
इजरायली महिला सैनिको ने बताया कि उन्हें अगवा करने के बाद एक ऐसी जगह पर रखा गया था, जहां न तो सूर्य की रोशनी पहुंचती थी. न ही ठीक तरीके से सांस लेना संभव था. साथ ही लाइट न होने के वजह से ज्यादातर समय उनका अंधेरे में ही निकलता था. उन्होंने कहा कि 477 दिनों की कैद के दौरान उन्हें गाजा के चारों ओर ले जाया गया, जिसमें गाजा शहर भी शामिल था. उनमें से कुछ को हमास के बहुत वरिष्ठ लोगों से मुलाकात भी कराई गई थी.
आतंकियों के लिए बनाया खाना
महिला सैनिकों ने बताया कि उनके साथ वहां बहुत बुरा बर्ताव किया जाता था. न ही ठीक से खाना मिलता था और न ही सही पानी पीने को मिलता था. इसके अलावा कई बार उनमें से कुछ को आतंकवादियों के लिए खाना बनाना पड़ता था. साथ ही टॉयलेट साफ करना पड़ता था. जब इतना सब करने के बाद उनसे खाना मांगा जाता था तो उन्हें खाने को नहीं मिलता था. सैनिकों ने बताया कि ये अब तक की जिंदगी का सबसे खौफनाक वक्त था. हम एक दूसरे की हिम्मत बनाए हुए थे, यही वजह है कि आज तक जिंदा हैं.
रोने तक की मनाही
इजरायली सैनिक ने बताया कि वे हर समय हम लोगों का मजाक बनाते थे. उन्हें कई बार रोने तक की इजाजत नहीं दी जाती थी. ऐसा करने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी. कई दिनों तक नहाने पर रोक लगा देते थे. घायल हुए लोगों को इलाज के लिए तड़पाया जाता था. महिलाओं ने बताया कि इस पूरी कैद के दौरान उन्होंने रेडियो काफी सुना है. जिस पर युद्ध के बारे में भी जानकारी मिलती थी. महिला सैनिकों ने बताया इस दौरान उन्होंने वहां पर अरबी भाषा भी सीख ली. जिससे बहुत आसानी हुई.
रिहा करने से पहले दी गई वर्दी
रिहा करने के कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को एक फिलिस्तीनी वाहन से बाहर निकालकर मंच पर लाया गया. यहां उन्होंने मुस्कुराते हुए भीड़ की ओर हाथ हिलाया. फिर वे रेड क्रॉस की गाड़ियों में बैठ गईं. चारों महिला सैनिकों को रिहा करने से पहले पहनने के लिए अर्ध-सैन्य वर्दी मिली. इसके बाद उन्होंने शस्त्र हमास कार्यकर्ताओं के साथ मंच पर खड़ा किया गया. सैनिकों के घर वालों ने कहा कि उन्हें मंच पर खड़ा करके ऐसा दिखाया गया है कि वे डरे और घबराए नहीं हैं. इसका हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. हम उनसे अधिक मजबूत हैं. बता दें कि चारों महिलाएं इजरायली सैनिकों को 7 अक्टूबर को हमास के हमले के दौरान इजरायल के नाहल ओज सैन्य अड्डे से अगवा किया था.
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