Israel Hamas ceasefire: इजरायल और हमास लंबे समय से चल रहे गहन कूटनीतिक कोशिशों के बाद अब युद्धविराम और बंधकों के रिहाई के समझौते तक तो पहुंच गई है, लेकिन क्या दोनों देशों के बीच यह समझौता लागू हो सकता है इसे लेकर कुछ भी कह पाना काफी मुश्किल हो रहा है, क्योंकि रिपोर्ट्स के मुताबिक, कहा जा रहा है कि हमास एक बार फिर कुछ शर्तो को मामने इंकार किया है.
दरअसल इजरायल ने दावा किया है कि हमास समझौते के कुछ हिस्सों से मुकर रहा है. ऐसे में इजरायली कैबिनेट का कहना है कि वो इस समझौते को तब तक मंजूरी नहीं देंगे, जब तक कि मध्यस्थता कराने वाले देश ये स्पष्ट नहीं कर देते कि हमास ने इस डील को पूरी तरह से स्वीकार किया है या नहीं.
कई दौर की वार्ता के बाद समझौते पर लगी मुहर
हालांकि इससे पहले कई दौर की हुई वार्ता में के बाद युद्धविराम समझौते पर मुहर लगी, जो अमेरिका, मिस्र और कतर की मध्यस्थता से संभव हो सका. समझौते को लेकर हुई बातचीत कतर की राजधानी दोहा में हुई. इस समझौते के तहत कुछ महत्वपूर्ण नियम तय किए गए हैं, जिसमें हमास द्वारा बंधकों की रिहाई के बदले इजरायल 1,000 फिलिस्तीनी कैदियों के आदाद करना शामिल है.
तीन चरणों में समझौता
इजरायल और हमास के बीच हुआ ये समझौता तीन चरणों में किया गया है, जिसके पहले चरण में बंधकों की रिहाई और इजरायल के सैनिकों की वापसी शामिल है, जबकि दूसरे चरण में हमास सभी बंधकों को रिहा करेगा और इजरायल पूरी तरह से गाजा से सैनिकों को हटा लेगा. इसके अलावा, तीसरे चरण में गाजा पट्टी में पुनर्निर्माण परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
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