पिछले साल 7 अक्टूबर से इजरायल और हमास के बीच छिड़ी जंग अभी भी जारी है. इसी बीच खबर सामने आई है कि हमास ने 7 अक्टूबर को हमला एक साल देर करने के बाद किया. ऐसा इसलिए क्योंकि वह ईरान और हिजबुल्लाह को अपने साथ लाना चाहता था. द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 7 अक्टूबर 2023 के हमले की साजिश दो साल तक रची गई. इसे 2022 में ही अंजाम दिया जाना था. लेकिन इस हमले में साथ देने के लिए हमास ईरान और हिजबुल्लाह को मनाने में लगा रहा, जिस वजह से देरी हुई.
ईरान और हमास के बीच हुई थी 10 बैठक
जनवरी में इजरायली मिलिट्री ने गाजा के एक कंप्यूटर से ये विवरण बरामद किए थे. रिपोर्ट में हमास चीफ याह्या सिनवार सहित हमास नेताओं और टॉप ईरानी अधिकारियों के बीच हुई 10 मीटिंग के मिनट्स का हवाला दिया गया. कथित तौर पर यह बैठक जनवरी 2022 से अगस्त 2023 तक हुईं. इसमें इजरायली सैन्य और नागरिक ठिकानों को बनाने के लिए बड़े पैमाने पर हमले को अंजाम देने के लिए रसद और रणनीतियों पर चर्चा हुई.
हर बैठक में हमास चीफ सिनवार
द न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) की रिपोर्ट में अनुसार, खान यूनिस में हमास कंट्रोल सेंटर में एक कंप्यूटर खोजा गया था. वह डॉक्यूमेंट के सच होने की पुष्टि करता है. रिपोर्ट में यह भी दावा करती है कि ईरान को हमास हमले के बारे में जानकारी थी. हालांकि यह नहीं बताया गया कि किस मीटिंग में कौन-कौन शामिल हुआ. लेकिन यह पता चला है कि हर बैठक में हमास चीफ याह्या सिनवार जरूर था.
ईरान ने दी फंडिंग
हमास ईरान से फंडिंग और मिलिट्री मदद पाने में लगा था. रिपोर्ट कहती है कि ईरान हमास की सैन्य विंग को 1 करोड़ डॉलर देने को तैयार हो गया था. लेकिन इसके बाद याह्या सिनवार ने 50 करोड़ डॉलर की मांग की, जिसे ईरान नहीं दे सका. बाद में ईरान या हिजबुल्लाह की सीधी मदद के सैन्य हस्तक्षेप के बिना ही हमास ने 2023 में इजरायल पर हमला कर किया.
9/11 जैसे करना चाहते थे हमला
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले नवंबर में उत्तरी गाजा में 36 पन्नों वाला डॉक्यूमेंट मिला था. इसमें इजरायल पर हमले के अलग-अलग परिदृश्य की समीक्षा की गई थी. जिन लक्ष्यों की चर्चा की गई, उनमें शॉपिंग मॉल और सैन्य कमांड सेंटर के साथ ही तेल अवीव में अजरीली टावर्स भी शामिल थे. मीटिंग के दौरान कथित तौर पर अमेरिका के न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 9 सितंबर 2001 को हुए हमलों जैसा ही हमला करने की प्लानिंग थी. लेकिन बाद में इस योजना को खारिज कर दिया गया, क्योंकि आतंकी समूह के इस निष्कर्ष पर आया कि उसके पास टावरों को गिराने की क्षमता नहीं है.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान और हिजबुल्लाह ने टाइम्स के दावों से इनकार किया है. यूएन में ईरान के मिशन ने दावों का खंडन किया है और सुझाव दिया कि टाइम्स की ओर से दिए गए मिनट्स मनगढ़ंत हैं.
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