Israel Hamas War: गाजा में इजरायली हमले में 16 लोगों की गई जान, सर्दी से भी लोगों का हाल बेहाल, संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Israel Hamas War: गाजा पट्टी में इजरायल द्वारा हाल ही में किए गए भीषण हवाई हमलों में कम से कम 16 लोग मारे गए हैं, जिसकी जानकारी फिलिस्तीनी चिकित्सा अधिकारियों द्वारा दी गई है. वहीं, हमास सरकार से संबद्ध ‘सिविल डिफेंस’ के मुताबिक, गाजा शहर में विस्थापितों को आश्रय देने वाले एक स्कूल पर हुए हमले में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 4 बच्चे भी शामिल हैं.

‘अल-अक्सा शहीद’ अस्पताल के मुताबिक, शनिवार देर रात दीर अल-बला में एक घर पर हुए हमले में कम से कम 8 लोग मारे गए. जबकि अस्पताल के पास स्थित नासिर अस्पताल के अनुसार, रविवार को आधी रात के बाद दक्षिणी शहर खान यूनिस में हुए हमले में 2 और लोग मारे गए. हालांकि गाजा पट्टी में इन हमलों को लेकर इजरायली सेना की ओर से कोई टि‍प्‍पणी सामने नहीं आई है.

गाजा में सर्दी का कहर

फिलिस्तीनियों पर अब इजरायली मिसाइलों के अलावा सर्दी भी कहर ढाने लगी है. इन दिनों गाजा में भीषण सर्दी पड़ रही है, जिससे इजरायल से युद्ध के वजह से विस्थापित करीब 20 लाख लोगों में से अधिकतर लोग खुद को हवा, ठंड और बारिश से बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उनके पास कंबलों और गर्म कपड़ों की कमी है. वहीं, अलाव के लिए लकड़ी बहुत कम है. इतना ही नहीं, जिन तंबुओं व तिरपालों में परिवार रह रहे हैं, वे महीनों से जारी उपयोग के कारण बहुत ही खस्ताहाल हो गए हैं.

दोस्तों और रिश्तेदारों से गर्म कपड़े उधार लेने को मजबूर

ऐसे में ही दक्षिणी शहर रफह से विस्थापित हुईं शादिया अयादा के पास अपने आठ बच्चों को खस्ताहाल तंबू के अंदर ठंड से बचाने के लिए केवल एक कंबल और एक गर्म पानी की बोतल है. शादिया ने बताया कि जब भी हमें पता चलता है कि बारिश और तेज हवा का पूर्वानुमान है, तो हम डर जाते हैं क्योंकि हमारे तंबू हवा से उड़ जाते हैं. शादिया ने कहा कि जब वो अपना घर छोड़कर आए थे, तो उनके बच्चों के पास केवल गर्मियों के कपड़े थे. ऐसे में अब उन्हें रिश्तेदारों और दोस्तों से कुछ गर्म कपड़े उधार लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

उन्होंने बताया कि दरवाजे न होने और तंबू भी फटे होने के वजह से रात में चूहे हमारे ऊपर चलते हैं, और कंबल भी हमें गर्म नहीं रख पाते. ऐसा लगता है कि जमीन पर बर्फ पड़ी हो. हम सुबह ठंड से ठिठुरते हुए उठते हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी

ऐसे में संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अस्थायी आश्रयों में रह रहे लोग शायद सर्दियों में जीवित न रह पाएं. उनका कहना है कि कम से कम 9,45,000 लोगों को सर्दी से जुड़े सामान की आवश्यकता है, जो गाजा में बहुत महंगे हो गए हैं.

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