Israel Hamas War: मध्य पूर्व क्षेत्र में तनाव लगातार जारी है. दोनों पक्षों की ओर से लगातार हमले किए जा रहे हैं. इस बीच इजरायल ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 6 पत्रकारों को आतंकवादी घोषित कर दिया है. इजरायल ने दावा किया कि खूफिया रिपोर्ट्स में पता चला है कि ये सभी फिलिस्तीनी लोग हैं. इनमें से 4 हमास से जुड़े हैं या जुड़े रहे हैं, जबकि 2 फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद से जुड़े हैं.
दरअसल, इजराइली सेना की ओर से एक दिन पहले गाजा क्षेत्र में युद्ध को कवर करने वाले अल जजीरा के 6 पत्रकारों पर फिलिस्तीनी उग्रवादी समूहों के लिए काम करने का आरोप लगाया. वहीं, इजरायली सेना का आरोप है कि इसके लिए इन लड़ाकों को पहले या वर्तमान में भुगतान किया गया है. इजरायल का दावा है कि हमास से जुड़े दस्तावेजों की जांच से पत्रकारों का सच सामने आया है.
दावा को अलजजीरा ने किया खारिज
आपको बता दें कि अल जजीरा ने इन दावों को खारिज कर दिया है. एक प्रतिष्ठित मीडिया हाउस ने इजरायल पर झूठे दावे करने का आरोप लगाया. उसका आरोप है कि गाजा में नरसंहार को छिपाने के लिए इजरायल पत्रकारों को भगाने की साजिश रच रहा है.
उधर इजरायली सेना ने गाजा में मिली खुफिया जानकारी और कई दस्तावेजों के हवाले से दावा किया है कि अल जजीरा नाम के चैनल के 6 पत्रकार हमास और इस्लामिक जिहाद से जुड़े हुए हैं. इसके साथ ही इजरायल द्वारा आतंकवादी ट्रेनिंग कोर्स की लिस्ट, फोन डायरेक्टरी और आतंकवादियों के वेतन दस्तावेजों को भी सबूत के तौर पर पेश किया गया है.
इजरायल ने अल जजीरा के पत्रकार अनस अल-शरीफ, होसम शबात, इस्माइल अबू उमर और तलाल अरोकी पर हमास से संबंध रखने का आरोप लगाया गया है. इजरायल का दावा है कि अनस जमाल रॉकेट दस्ते का चीफ था और वह इजरायली सेना पर हमलों में शामिल भी रहा है.
अल-जजीरा के खिलाफ इजरायल की लड़ाई
आपको जानना चाहिए कि कतर के मीडिया हाउस ने इजरायल के इन गंभीर आरोपों को झूठा करार दिया और अपने पत्रकारों को निर्दोष बताया है. अल जजीरा ने दावा किया है कि इजरायल गाजा का सच दुनिया से छिपाना चाहता है. गाजा की तस्वीरों को दुनिया के सामने नहीं आने देना चाहता. इसीलिए इजरायल पत्रकारों को डरा कर गाजा क्षेत्र से भगा देना चाहता है.