Israel Iran War: हमास चीफ इस्माइल हनिया की मौत के बाद से ईरान और इजरायल के बीच तनाव और भी बढ़ गया है. इसी बीच अमेरिका की ओर से चेतावनी दी गई थी कि किसी भी वक्त ईरान इजरायल पर हमला कर सकता है. वहीं, अब इजरायल ने दावा किया है कि ईरान उनके खिलाफ प्रॉक्सी वॉर को बढ़ावा दे रहा है. उसका कहना है कि इजरायल से लड़ रहे गुटों को ईरान से मदद मिल रही है.
क्यों ईरान को नहीं मिल रही सफलता?
वहीं, सऊदी अरब के ईरान विशेषज्ञ जाबेर राजाबी ने भी इसको लेकर कुछ दावे किए हैं. उन्होंने कहा है कि ईरान बढ़ चढकर घोषणाओं के बावजूद भी बड़े लक्ष्य हासिल करने में असफल रहा. इजरायल के पास पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट, रक्षा प्रणालियों के साथ और भी कई सैन्य उपकरण है, जो किसी भी ईरानी खतरे का सामना करते हुए उसे विफल करने में सक्षम है, जिसके वजह से ही ईरान को सफलता नहीं मिल रही है.
इजरायल का खुफिया तंत्र मजबूत
एक्सपर्ट ने कहा कि हाल ही के वर्षो में ईरान और उसके सहयोगियों ने विरोधियों के खिलाफ सैन्य योजनाएं तैयार कीं, लेकिन इजरायल के साथ उसकी लडाई पूरी तरह से अलग है. इजरायल सुरक्षा बलों के पास कई युद्धों का व्यापक अनुभव है, जबकि ईरान और उसके समर्थित गुटों के लड़ाके गुरिल्ला युद्ध पर निर्भर हैं. वहीं, एक ओर जहां इजरायल को अमेरिका का समर्थन मिल रहा है, तो दूसरी ओर ईरान आर्थिक मोर्चे पर जूझ रहा है और पड़ोसी देशों से निपटने में व्यस्त है.
इजरायल पहले ही कर सकता है हमला
ऐसे में ईरान को किसी मजबूत अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त नहीं है. चीन और रूस भी उसके संघर्षों में हस्तक्षेप से बचते रहे हैं. उन्होंने कहा कि इजराइल अपने खुफिया नेटवर्क की बदौलत हर खतरे से निपटने के लिए तैयार है.
इजरायल को जरा भी महसूस होता है कि हमास हमला करने वाला है तो वह पहले ही तेरहान में अटैक कर सकता है क्योंकि बेंजामिन नेतन्याहू ने देश के सुरक्षा प्रमुखों के साथ बैठक कर ऐसी रणनीति बनाई है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये कयास लगाए जा रहे है कि ईरान और हिजबुल्लाह एक साथ भी इजरायल पर हमला कर सकते हैं, जिसकी वजह से फिलहाल में मध्य पूर्व तनाव में है.
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