Lebanon Crisis: इजराइल द्वारा लेबनान पर किए गए हमलों के बाद सेे मानवीय संकट चरम पर पहुंच गया है. पहले से लेबनान राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहा था, अब इस जंग ने नागरिकों के लिए स्थिति और भी दयनीय कर दी है. लेबनानी नागरिकों की पीड़ा कम करने के लिए भारत ने हाल ही में 33 टन मेडिकल सप्लाई लेबनान भेजी थी. वहीं, भारत के बाद अब चीन ने भी लेबनानी नागरिकों की सहायता के लिए मेडिकल सप्लाई भेजी है.
दरअसल, भारत ने बीते 18 अक्टूबर को 33 टन मेडिकल सप्लाई लेबनान भेजी थी. भारत को देख अब चीन ने भी लेबनान की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं. चीन की ओर से भेजी गई मेडिकल सप्लाई को लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री को सौंपने के बाद चीनी दूत ने कहा, “लेबनान के दोस्त और साझेदार होने के साथ चीन लेबनान की राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करने का समर्थन करता है.”
Today, China delivered a batch of emergency medical aid to #Lebanon. The shipment consists of 3,601 boxes containing anesthesia machines, tracheal intubation tubes, and surgical gowns.
We firmly support Lebanon in maintaining national sovereignty, security and dignity, and… pic.twitter.com/9jf9IdndgZ— Liu Pengyu 刘鹏宇 (@SpoxCHNinUS) October 21, 2024
बता दें कि चीन ने सोमवार को 60 टन मैडिकल सप्लाई लेबनान भेजी. इस मदद को लेबनान में चीन के दूत कियान मिंजियन ने लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फिरास अबियाद को सौंपा. कियान ने कहा कि संघर्ष ने लेबनानी लोगों को बहुत कष्ट पहुंचाया है, जिससे बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं और उन्हें विस्थापित होना पड़ा है.
कियान ने कहा, “लेबनान के दोस्त और साझेदार होने के साथ चीन लेबनान की राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करने का समर्थन करता है और नागरिकों के खिलाफ किसी भी हमले का कड़ा विरोध करता है.” साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि ये इमरजेंसी मेडिकल ऐड लेबनान के स्वास्थ्य विभाग को संकट से निपटने में मदद करेगी.
इजराइल ने किया लेबनान पर हमला
गौरतलब है कि 23 सितंबर से ही इजराइल लेबनान में बमबारी कर रहा है. इजराइल का कहना है कि वे हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहा है, लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इजराइली बमबारी में 2,400 से ज्यादा मौतें और 11 हजार से अधिक घायल हुए हैं. इसके अलावा 10 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए हैं. जिसके चलते लेबनान के लोगों की रोजमर्रा की जरुरत भी नहीं पूरी हो पा रही है.