Israel-Lebanon Tension: लेबनान में इजरायल की कार्रवाई दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. ऐेसे में लेबनानी नागरिकों समेत अब UN की पीस फोर्स भी इस हमले की चपेट में आ गई है, जिसके बाद अमेरिका-चीन समेत करीब 40 देशों ने इजरायली कार्रवाई की निंदा की है साथ ही UN पीस फोर्स को निशाना न बनाने का अह्वान किया है.
इसी बीच अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने अपने इजरायली समकक्ष योआव गैलेंट के साथ फोन पर बात कर पीस फोर्स (UNIFIL) पर हमलों को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है और इजराइल से दक्षिण लेबनान में अपनी गतिविधियां बंद करने के लिए कहा है.
40 देशों ने जताई चिंता
मौजूदा हालांतों को देखते हुए अमेरिका ही नहीं, दुनियाभर के कई देश इजरायल पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे है. बता दें कि दक्षिण लेबनान में पीस फोर्स पर कार्रवाई के खिलाफ एक पत्र लिखा गया है, जिसपर 40 देशों ने हस्ताक्षर किए. इन देशों में फ्रांस, तुर्की, इंडोनेशिया, आयरलैंड, चीन और UK समेत कई देश शामिल हैं और इन सभी देशों के सैनिक UNIFIL फोर्स में हैं.
लेबनान बॉर्डर पर पीस फोर्स
दरअसल, इजरायल को भेजे गए पत्र में दक्षिणी लेबनान में शांति सेना और उनके ठिकानों पर आईडीएफ के हमलों की कड़ी निंदा की गई है. UN के बयान में कहा गया है कि दक्षिण लेबनान में इजरायली सैनिकों ने UNIFIL के तीन ठिकानों पर फायरिंग की है.
इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच क्यों खीच गई ब्लू लाइन
बता दें कि लेबनान में UNIFIL की फोर्स में 50 देशों के लगभग 10 हजार सैनिक लेबनान सीमा पर तैनात हैं, जिसमें भारत के भी सैनिक शामिल है. वहीं, इस फोर्स की तैनाती साल 2006 की इजरायल-हिजबुल्लाह की जंग के बाद UN की तरफ से खीची गई ब्लू लाइन पर की गई थी. हालांकि इस दौरान यह शर्त रखी गई थी कि हिजबुल्लाह और इजराइल किसी के भी सैनिक इस लाइन पर नहीं आएंगे और यहां भविष्य के तनाव को कम करने के लिए पीस फोर्स तैनात रहेगी.
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