Israel-Lebanon War : इजरायल और लेबनान के बीच काफी समय से जारी युद्ध के बाद नवबंर महीने के अंत में सीजफायर समझौता लागू हुआ. इसी बीच विद्रोहियों के गुट ने अचानक सीरिया में लड़ाई शुरू कर दी है, जो इजरायल के लिए बड़ा खतरा बना गया है. क्योंकि अपोलों के दक्षिण-पूर्व में अल-सफिरा शहर में स्थित इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स ईरानी विशेषज्ञता के जरिए मिसाइल और रॉकेटों का निर्माण किया जाता है.
ऐसे में सीरिया के अलेप्पो शहर के साथ आसपास के क्षेत्रों में विद्रोहियों का बढ़ना इजरायल के लिए खतरे से खाली नहीं है. क्योंकि यदि ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं, जब उत्तरी और मध्य सीरिया में स्थित हथियार प्रणालियां विद्रोहियों के हाथ लग सकता है. इन हथियार प्रणालियों में मिसाइल और रसायनिक हथियार भी शामिल है.
इजरायल ने सीरिया पर किया एयर स्ट्राइक
हालांकि इन हथियारों को जिहादियों के हाथों के जाने से रोकने के लिए इजरायल ने सीरिया में एयर स्ट्राइक भी किया है. वहीं, रूस ने सीरिया की पहले सहायता की है, लेकिन इस वक्त वो यूक्रेन के साथ युद्ध में व्यस्त है, जिससे सीरिया के बशर अल-असद शासन को विद्रोहियों के साथ संघर्ष कर रहा है.
क्या है इजरायल की चिंता का कारण?
दरअसल सीरिया के सेना इस्लामिक विद्रोहियों के साथ संघर्ष कर रही है और इस दौरान उसे रूस की मदद भी नहीं मिल पा रही है, जिसके वजह से उसे ईरान से मदद लेना पड़ रहा है. ऐसे में ईरान ने भी बशर अल असद की मदद के लिए कमांडर, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स और हिजबुल्लाह के लड़ाकों के साथ शिया मिलिशिया को सीरिया में तैनात किया है. ऐसे में सीरिया में ईरानी सेना की लंबे समय तक मौजूदगी इजरायल की सुरक्षा चितांओं को बढ़ा रही है.
आतंकी सेना का निर्माण कर सकता है ईरान
दरअसल इजरायल को आशंका है कि कहीं ईरानी लड़ाके इजरायली सीमा के जरिए कहीं उनपर हमला न कर दें. साथ ही सीरियाई शासन के पतन का भी खतरा है. यदि ऐसा होता है, तो सीरिया भी यमन, लेबनान और गाजा की तरह एक फेल स्टेट में बदल सकता है और ऐसे में ईरान इजरायल के खिलाफ एक आतंकी सेना की निर्माण कर सकता है.