Israel Hamas War: इजराइल ने गाजा में जारी भीषण युद्ध के बीच जमीनी सीमा पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. इजराइल के गाजा में नाकेबंदी से दक्षिणी गाजा में खाने-पीने की चीजें खत्म हो रही हैं. वहां, अकाल की स्थित उत्पन्न हो गई है. जमीनी सीमा पर प्रतिबंध लगने की वजह से लोगों तक खाद्य और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो रही है. इन सब के बीच गाजा पट्टी में हाल ही में बनाए गए एक तैरते अमेरिकी पोतघाट के जरिए राहत सामग्री लेकर ट्रक पहली बार शुक्रवार को संकटग्रस्त इलाके में पहुंचे.
1 दिन में जा सकते 150 ट्रक
दरअसल, अमेरिका इजराइल के साथ पोत और तट पर काम कर रहे लोगों की सुरक्षा के लिए समन्वय कर रहा है. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, शुरुआती आपूर्ति में 500 टन राहत सामग्री पहुंचाई जाएगी. इस अमेरिकी पोतघाट के जरिए गाजा पट्टी में एक दिन में करीब 150 ट्रक ले जाए जा सकते हैं. हालांकि, युद्ध से पहले, गाजा में औसतन प्रतिदिन 500 से अधिक ट्रक प्रवेश करते थे. फिलहाल इजराइल ने दक्षिणी शहर राफा में हमास के खिलाफ जारी युद्ध को और तेज कर दिया है.
कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सवाल
वहीं, राहत सामग्री पहुंचाने को लेकर यूएसएड के मानवीय सहायता ब्यूरो की सहायक प्रशासक सोनाली कोरदे ने खाद्य सामग्री का वितरण करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सवाल है. अमेरिका और सहायता समूहों ने साथ ही इस बात को लेकर सचेत किया कि पोतघाट परियोजना को जमीनी मार्ग से आपूर्ति पहुंचाए जाने का सही विकल्प नहीं माना जा सकता. क्योंकि, जमीनी मार्ग के जरिए ही गाजा में आवश्यक भोजन, पानी और ईंधन पहुंचाया जा सकता है.
आपको बता दें कि हमास ने पिछले साल अक्टूबर में इजराइल में घुसकर हमला किया. इसके बाद से इजराइल ने गाजा में नाकेबंदी शुरू कर दी. इसी वजह से गाजा में ट्रकों का परिचालन करने के लिए ईधन की कमी, आतंकवादी हमले, सामरिक बाधाएं जैसी समस्याएं बनी हुई हैं. फिलहाल गाजा में खाने-पीने की सामग्री सेे लेकर ईंधन तक की सख्त जरूरत है.
अकाल की स्थिति उत्पन्न
सहायता एजेंसियों का कहना है कि दक्षिणी गाजा में खाने-पीने की चीजें खत्म हो रही हैं और ईंधन का भंडार तेजी से कम हो रहा है, इसके चलते यहां अकाल की स्थिति उत्पन्न हो रही है. फिलिस्तीनी नागरिकों को अतिरिक्त सहायता देने के लिए अमेरिका समेत कई देशों और मानवीय संगठनों द्वारा कोशिश जारी है. यहां ईंधन की आपूर्ति लगभग बंद है और इससे गाजा के लोगों तक सहायता पहुंचाना बेहद मुश्किल हो जाएगा. इधर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वितरण प्रक्रिया में उसकी ओर से किसी प्रकार की सहायता की उम्मीद नहीं है. इसका समन्वय संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया जा रहा है.