Lebanon: लेबनान से साथ जंग में इजरायल ने दक्षिणी लेबनान की एक पट्टी पर बड़े पैमाने पर सफेद फास्फोरस बम बरसाए हैं. इस बम का इस्तेमाल उन क्षेत्रों में किया गया है जहां के लोगों से इजरायली सेना ने घरों में वापस न लौटने को कहा है. इसके साथ ही लेबनान के लोगों को बांटे गए नक्शे में इसे लाल रंग से ‘नो-गो’ एरिया के रूप में दिखाया गया है. इस साल मार्च में ही अल जज़ीरा ने विशेषज्ञों के दावों के आधार पर एक रिपोर्ट में कहा गया था कि इजरायल सफेद फास्फोरस बम का इस्तेमाल एक खास रणनीति से कर रहा है, ताकि वह दक्षिणी लेबनान के एक हिस्से को बफर जोन बना सके.
एक साल में 191 बार सफेद फास्फोरस बम का इस्तेमाल
लेबनानी रिसर्चर अहमद बेयदौन और पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रुप ग्रीन साउथर्नर्स के जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, 8 अक्टूबर 2023 से अब तक इजरायल ने सफेद फास्फोरस बम का इस्तेामाल 191 बार किए, इसमें 918 हेक्टेयर (2,268 एकड़) से अधिक क्षेत्र को नुकसान हुआ है.
सफेद फास्फोरस बम कितना खतरनाक?
सफेद फास्फोरस बम एक ऐसा हथियार है जो 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही आग लग जाती है. इसे पानी से भी बुझाया नहीं जा सकता. यह सफेद धुएं के गुबार के जैसा दिखता है, लेकिन जहां भी गिरता है, उस स्थान की सारी ऑक्सीजन तेजी से सोख लेता है. ऐसे में जो लोग इससे लगी आग से बच जाते हैं, वह दम घुटने से मर जाते हैं.
हालांकि इजराइल ने दावा किया है कि वह जंग के मैदान में धुएं की चादर जैसा बनाने के लिए सफेद फास्फोरस के हथियारों का इस्तेमाल करता है. लेकिन मानवाधिकार समूहों का कहना है कि इजरायल ने गाजा और लेबनान दोनों में जंग के मैदानों पर नहीं, बल्कि आबादी वाले इलाकों में इसका इस्तेमाल किया है, जो कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन है.
आबादी वाले क्षेत्रों में बरसाए बम
लक्समबर्ग स्थित रक्षा विश्लेषक हमज़े अत्तर ने अल जजीरा को बताया कि युद्ध क्षेत्रों में सफेद फास्फोरस का प्रयोग तीन स्थितियों पर किया जा सकता है, पहला- सैन्य टुकड़ियों की आगे की कार्रवाई को रोकने के लिए इसे धुएं के परदे के रुप में, दूसरा खुले स्थानों से लड़ाकू विमानों और सैन्य उपकरणों को हटाने के लिए और तीसरा रॉकेट लॉन्च से पहले या बाद में किसी तरह की कार्रवाई करने के लिए. लेकिन ह्यूमन राइट्स वॉच ने इस साल जून के महीने तक कम से कम 5 केस ऐसे मिले हैं जहां इसका इस्तेमाल आबादी वाले आवासीय क्षेत्रों में अवैध रूप से किया गया है.
2 महीने में 99 बार इसका इस्तेमाल
लेबनानी रिसर्चर अहमद बेयदौन की अध्ययन ने पुष्टि की है कि इजरायल ने जंग के शुरुआती महीनों में अधिक तीव्रता के साथ दक्षिणी लेबनान में इस विवादित केमिकल यानी सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल किया है. साल 2023 में हमलों के पहले दो महीने अक्टूबर में 45 बार और नवंबर में 44 बार इससे हमला किया था, जो अब तक हुए कुल 191 सफेद फास्फोरस हमलों में से 99 हमले थे.
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