12 साल बाद सीरिया पर सबसे बड़ा हवाई हमला, इजरायल के एयर स्ट्राइक से आया भूकंप; 3 मापी गई तीव्रता

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Israel Syria war: सीरिया में असद सत्‍ता से जाने के बाद ही देश पर हमले होना शुरू हो गए है. इसी बीच इजरायल ने उत्तरी पश्चिमी सीरिया के टार्टस शहर पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया है, जिसके वजह से पूरे इलाके में भूकंप जैसे झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3 मापी गई.

इस धमाके से आग का गोला उठा, जिसके वजह से इलाके में भारी तबाही हुई. इजरायल द्वारा यह हमला रूस की नौसेना के बेस के पास किया गया, जो इस घटना को और भी संवेदनशील बनाता है.

2012 के बाद का सबसे बड़ा हमला

रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेना ने सीरियाई सेना के हथियार और विस्फोटक गोदामों को निशाना बनाया, इस दौरान सतह से सतह तक मार करने वाली मिसाइलों के भंडार और एयर डिफेंस यूनिट तबाह हो गए. बताया जा रहा है कि साल 2012 के बाद इस क्षेत्र में यह सबसे बड़ा हमला है. हालांकि इजरायल का यह हमला सीरियाई तटीय इलाकों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि राजधानी दमिश्क, होम्स, डेरा, सुवेदा और कलामौन पहाड़ों में बने हथियार डिपो पर भी हमला किया गया.

30 मिनट तक जारी रहे धमाके

कहा जा रहा है कि इस हमले के दौरान करीब 30 मिनट तक जोरदार धमाकों की आवाजें गूंजती रहीं. इजरायली युद्धक विमानों ने तटीय क्षेत्रों के अलावा दीर अल-जौर के सैन्य हवाई अड्डे और दमिश्क के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई ठिकानों पर बमबारी की. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा निगरानी किए जा रहे बफर जोन में इजरायली सैनिकों ने प्रवेश किया, जो गोलान हाइट्स पर इजरायली और सीरियाई बलों को अलग करता है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल के इस कार्रवाई को 1974 के युद्धविराम समझौते का उल्लंघन बताया.

एचटीएस की चेतावनी और सीरिया की प्रतिक्रिया

वहीं, इस घटनाक्रम पर टिप्‍पणी करते हुए हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेता अहमद अल-शरा ने इजरायल की आलोचना की. उन्‍होंने कहा कि इजरायल अब इन हमलों को उचित नहीं ठहरा सकता. साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि फिलहाल सीरिया किसी नए संघर्ष में फंसना नहीं चाहता.

इजरायल के निशाने पर ईरान

बता दें कि इजरायल ने सीरिया पर अब तक 300 से अधिक हमले किए हैं, जिसका मकसद उसकी सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना है, खासतौर पर तब से जब बशर अल-असद के नेतृत्व में रूस ने दखल दिया. वहीं, इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस पूरे घटनाक्रम में ईरान को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा है कि इजरायल ईरान के प्रभावों को समाप्‍त करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा.

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