Jaishankar in Berlin: इस समय दुनियाभर में भारत की बढ़ती सामरिक और आर्थिक ताकत को देखते हुए कई देश रणनीतिक साझेदार बनना चाहते है. फिलहाल, अमेरिका से लेकर फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन, इटली, संयुक्त अरब अमीरात, रूस, जैसे देश भारत के रणनीतिक साझेदार हैं. ऐसे में सवाल ये है कि क्या जर्मनी भी भारत का रणनीतिक साझेदार बनने को इच्छुक है? जानकारों के मुताबिक, यदि जर्मनी भारत का साझेदार बनता है, तो इसमें जर्मनी के साथ ही भारत का भी फायदा होगा.
बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी के संसद में विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल रोथ से मुलाकात की. साथ ही उन्होंने मौजूदा वैश्विक चुनौतियों तथा नए द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की. इस दौरान भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी की संभावनाओं को भी बल मिलता हुआ नजर आया.
विदेश मंत्री ने किया पोस्ट
जर्मनी में बैठक के समाप्त होने के बाद विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि सांसद और विदेश मामलों पर एक समिति के अध्यक्ष माइकल रोथ से मिलकर प्रसन्नता हुई. मौजूदा समय की वैश्विक चुनौतियों तथा भारत और जर्मनी के बीच नए सहयोग की संभावनाओं पर विचार साझा किया गया.
रणनीतिक समानता पर विचार विमर्श
दरअसल, जयशंकर ने मंगलवार को बर्लिन में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में विदेशी मामलों एवं सुरक्षा नीति विशेषज्ञों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि बदलती वैश्विक व्यवस्था, सुरक्षा चुनौतियों और भारत तथा जर्मनी के बीच रणनीतिक समानता पर विचार विमर्श किया गया. साथ ही जर्मनी की संसद के सदस्यों से भी बातचीत के दौरान जयशंकर ने समकालीन वैश्विक मुद्दों पर उनकी अंतर्दृष्टि की सराहना की. इसके अलावा कहा कि भारत-जर्मनी संबंधों को मजबूत बनाने के लिए वो उनके समर्थन को महत्व देतें है.
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