Jaishankar visit Sri Lanka: भारत को घेरने के लिए चीन हमेशा से अपने पड़ोसी देशों का फायदा उठाता रहता है, लेकिन इस उसे मुंह की खानी पड़ी है. क्योंकि हाल ही में श्रीलंका ने चीन को खरी खोटी सुनाई है.
दरअसल, श्रीलंका में नई सरकार के गठन होने के बाद शुक्रवार को पहली बार भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर कोलंबों पहुंचे. जहां उन्होंने श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके से मुलाकात कर गई मोर्चो पर चर्चा की.
श्रीलंका की धरती का नहीं होने देंगे गलत इस्तेमाल
इस दौरान राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने कहा कि वो श्रीलंका की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ गतिविधियों के लिए नहीं होने देंगे. साथ ही उन्होंने दोनों देशों के सुरक्षा हित आपस में जुड़े होने पर के बात पर जोर दिया. इसके अलावा भारत ने श्रीलंका को उसकी अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया. इस पर कोलंबो ने कहा कि उसके क्षेत्र का इस्तेमाल नई दिल्ली के सुरक्षा हितों के प्रतिकूल तरीके से नहीं होने दिया जाएगा.
श्रीलंका के साथ होगा नया समझौता
राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने कहा कि समृद्ध श्रीलंका के उनके दृष्टिकोण को साकार करने और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भारत का आर्थिक समर्थन महत्वपूर्ण है. जयशंकर ने आश्वासन दिया कि भारत द्विपक्षीय ऋण पुनर्गठन पर श्रीलंका के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा. इसके साथ ही निजी बांड धारक ऋण पुनर्गठन समझौते का समर्थन करेगा.
ऊर्जा उत्पादन लाएगी आर्थिक स्थिरता
कोलंबों में राष्ट्रपति दिसानायके के साथ बैठक के दौरान जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे ऊर्जा उत्पादन और संचरण और ईंधन और एलएनजी आपूर्ति के क्षेत्र में चल रही पहल अन्य क्षेत्रों के अलावा द्वीप राष्ट्र के लिए आर्थिक स्थिरता में योगदान देगी और राजस्व के नए स्रोत प्रदान करेगी.
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