Japan:जापान के नागासाकी में हुए परमाणु बम विस्फोट की याद में बनाए गए स्मारक पर हर साल समारोह का आयोजन किया जाता है, लेकिन इस साल का ये समारोह राजनीति का शिकार हो गया है. दरअसल नागासाकी के मेयर ने पश्चिम एशिया में चल रहे हिंसा के वजह से कार्यक्रम में इजरायल को आमंत्रित नहीं किया है, जिससे अमेरिका नाराज हो गया है. इसी वजह से जापान में अमेरिका के राजदूत रहम इमैनुएल ने नागासाकी स्मारक सेवा समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
क्यों इजरायल को नहीं किया गया आमंत्रित?
अमेरिकी दूतावास ने बताया कि वो शुक्रवार को नागासाकी जाने के बजाय टोक्यो में ही एक बौद्ध मंदिर में नागासाकी परमाणु बम विस्फोट के पीड़ितों को सम्मानित करेंगे. हालांकि नागासाकी परमाणु बम स्मारक सेवा में इजरायल को न शामिल करने का संकेत नागासाकी के मेयर शिरो सुजुकी ने जून के महीने में ही दे दिया था. बता दें कि नागासाकी के मेयर ने पिछले हफ्ते ही इस बात का ऐलान किया था कि कार्यक्रम के दौरान विरोध, तोड़फोड़ और हमले जैसी आशंका को देखते हुए इस्राइल को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि नागासाकी परमाणु बम पीड़ितों को शांतिपूर्ण और गंभीर माहौल में श्रद्धांजलि दी जाए.
हिरोशिमा के कार्यक्रम में शामिल हुए इजरायली राजदूत
वहीं इसके ठीक विपरित हिरोशिमा में मंगलवार को हुए स्मारक समारोह में जापान में इस्राइल के राजदूत को आमंत्रित किया गया था, लेकिन फलस्तीन के प्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया गया था. नागासाकी के कार्यक्रम में अमेरिका राजदूत के शामिल न होने के साथ ही कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन सहित कई अन्य देश भी अपने निचले स्तर के दूतों को ही कार्यक्रम में भेज सकते है. इन देशों के राजदूतों ने एक साझा बयान में कहा है कि इस्राइल को कार्यक्रम से बाहर रखने से गलत संदेश जाएगा.
अमेरिका ने जापान पर गिराए थे परमाणु बम
आपको बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 6 अगस्त, 1945 को हिरोशिमा पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने परमाणु बम गिराया था, जिससे पूरा शहर तबाह गया था. इस हमले में 1,40,000 लोग मारे गए थे. हालांकि इसके तीन दिन बाद अमेरिका ने ही नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया, जिसमें 70,000 लोगों की जान चली गई थी. इन हमलों के बाद जापान ने 15 अगस्त, 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया.
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