Japan: जापान के शोधकर्ताओं ने एक बड़े मैंगनीज के भंडार की खोज की है, जिससे देश की किस्मत बदल सकती है. टोक्यो विश्वविद्यालय और गैर लाभकारी निप्पॉन फाउंडेशन के शोधकर्ताओं ने टोक्यो से करीब 1200 मील दक्षिण पूर्व में स्थित मिनामी-तोरीशिमा द्वीप पर 23 करोड़ टन मैंगनीज के इस भंडार को खोजा है. बता दें कि मैंगनीज का इस्तेमाल खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी और स्मार्टफोन बनाने में किया जाता है.
75 साल तक पूरी होगी जरूरत
उनका कहना है कि पानी के नीचे के खनिज क्षेत्र में 740000 मीट्रिक टन निकेल और 610000 मीट्रिक टन कोबाल्ट का भी भंडार भी है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, जापान के लिए निकेल का विशाल भंडार 11 वर्षों और कोबाल्ट का भंडार 75 वर्षों की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. इन दोनों इस्तेमाल ऊर्जा भंडारण, खास तौर पर लिथियम आयन बैटरी बनाने में किया जाता है. वहीं, वर्तमान में बाजार में इसकी कीमत 26 अरब डॉलर से भी अधिक होने की संभावना है.
बेहद जरूरी है ये खनिज
बता दें कि कोबाल्ट रिचार्जेबल बैटरी के लिए आवश्यक है और अर्द्धचालक उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है. वहीं, मैंगनीज के साथ ही ये दोनों धातुएं इलेक्ट्रिक वाहन में इस्तेमाल होने वाली लिथियम आयन बैटरी की तकनीक के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
दरअसल, जापान ऊजों के नए स्रोतों की तेजी से तलाश कर रहा है. वहीं, अमेरिका समेत कई देश भी टंगस्टन, मैंगनीज और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (रेयर अर्थ ऑब्जेक्ट) जैसी दुर्लभ धातुओं और खनिजों के नए स्रोतों की तलाश में जुटें हुए है. हालांकि इनमें से कई पर चीन का कब्जा है.
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