Kashmir Issue In UNGA : पाकिस्तान के करीबी दोस्त तुर्किए ने ही शहबाज शरीफ को करारा झटका दिया है, जिससे उनकी नींद उड़ी हुई है. जबकि भारत तुर्किए के इस फैसले से खुश है. दरअसल इस बार की संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में तुर्किए के प्रधानमंत्री रेचेप तैयप एर्दोगन ने अपने संबोधन में एक बार भी कश्मीर का नाम नहीं लिया, जिससे पाकिस्तान को तगड़ा झटका लगा है.
बता दें कि हर बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान कश्मीर का मुद्दा उठाया है और इस दौरान चीन और तुर्किए उसका साथ देते है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. कश्मीर के मुद्दे पर इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में पाकिस्तान को किसी का साथ नहीं मिला. जो भारत के नजरिये से देखें तो एक अच्छी खबर है.
शहबाज सरकार की हो रही है किरकिरी
UN में तुर्की का साथ न मिलने से पाकिस्तान दुनिया में बिल्कुल अकेला हो गया है. कश्मीर पर किसी भी देश का साथ न मिलने पर, पाकिस्तान के ही लोग उसे आईना दिखा रहे हैं. दरअसल बैठक में पाकिस्तान को किसी का साथ न मिलने पर पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कई वर्षो से पाकिस्तानी संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर ‘कश्मीर विवाद’ को हल करने की बात करते रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को छोड़कर UNGA में 193 सदस्यों में से किसी भी वक्ता ने कश्मीर का जिक्र नहीं किया, पाकिस्तान के साथ कोई नहीं है क्या?
इसके अलावा, अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं.
2020 में की थी आलोचना
आपको बता दें कि भारत और तुर्किए के बीच के रिश्ते किसी से छिपे हुए नहीं है. तुर्किए के पीएम एर्दोगन कई बार भारत के खिलाफ बयानबाजी कर चुकें हैं. उन्होंने 2022 के संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में पाकिस्तान का साथ देते हुए कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले की आलोचना की थी. साथ ही ये दावा भी किया था कि इससे स्थिति और खराब हो गई है. हालांकि भारत ने जरूरत पड़ने पर हर बार तुर्किए की मदद की है.
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