Canada: भारतीयों के बाद अब गोरे लोगों को निशाना बना रहे खालिस्तानी! कहा- यहां से यूरोप या इजरायल भागो, देखें वीडिया

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Khalistani rally in Canada: कनाडा में लगातार खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों में उग्रता और विवादास्पद बयानबाजी बढ़ती जा रही है, जिससे कनाडा की सुरक्षा और विदेश नीति को लेकर नई चिंताएं उत्पन्न हो रही हैं. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडि‍यों वायरल हो रहा है, जिसमें खालिस्तान समर्थकों की रैली के दौरान गोरे लोगों को कनाडा छोड़ने और यूरोप या इजरायल वापस जाने की बात कही जा रही है.

बताया जा रहा है कि यह वीडियो कनाडा के सरे शहर का है, जिसे कनाडाई पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया है. इस वीडियों में सैकड़ों खालिस्तानी समर्थक झंडे लिए दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान एक व्यक्ति ये भी कहता हुआ दिखाई दे रहा है कि कनाडा असली में उनका है और गोरे लोगों को यूरोप या इजरायल वापस जाना चाहिए. ऐसे में इस व्‍यक्ति का यह बयान कनाडा में नए विवाद का कारण बन गया है, क्योंकि यह बयान कनाडा के मूल निवासी और प्रवासी समुदायों के बीच सांस्कृतिक तनाव को बढ़ावा दे सकता है.

ट्रूडो सरकार पर सवाल

डेनियल बोर्डमैन ने वीडियो को पोस्‍ट करते हुए इस तरह की गतिविधियों को लेकर कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सवाल किया है कि इस तरह की रैलियों की अनुमति कैसे दी जा रही है, और यह कैसे कनाडा की विदेश नीति को खतरे में डाल सकता है. उनका मानना है कि यह समस्या कनाडा की अंतरराष्ट्रीय छवि और सुरक्षा दोनों पर असर डाल सकती है.

खालिस्तान मुद्दे पर ट्रूडो की आलोचना

बोर्डमैन ने पहले भी खालिस्तान मुद्दे पर ट्रूडो की आलोचना करते रहे हैं. उन्होंने हाल ही ट्रूडो पर आरोप लगाया कि वह चरमपंथी गतिविधियों को नियंत्रित करने में असफल रहे हैं, जिससे कनाडा के शांतिपूर्ण समुदायों को खतरा हो रहा है. साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा था कि कानून का पालन करने वाले कनाडाई नागरिकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है, वहीं उग्रता फैलाने वाले लोग सजा से बच रहे हैं.

इस मामले को लेकर उन्‍होंने ट्रुडो के नीयत पर भी सवाल उठाए है, उनका कहना है कि भारत के साथ संबंधों में गिरावट सरकार के विफलताओं की ओर संकेत करती है. ट्रुडों सरकार की खालिस्‍तानी समर्थको के प्रति नरमी से कनाडा के सुरक्षा प्रभावित होने के साथ ही अंतरराष्‍ट्रीय संबंधों को भी प्रभावित कर रहा है.

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