Khilafat Majlis Protest: बांग्लादेश की यूनुस सरकार भारत के खिलाफ गतिविधियां करने से बाज नहीं आ रही है. देश में हिंदूओं पर हिंसा के बाद अब बांग्लादेश के कट्टरपंथी भारत के वक्फ कानून का विरोध कर रहे हैं. इसी बीच बांग्लादेश के एक इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन “खिलाफत मजलिस” ने ढाका में भारतीय उच्चायोग के बाहर बड़ा विरोध-प्रदर्शन करने की धमकी दी है.
संगठन का कहना है कि 23 अप्रैल को उनके कार्यकर्ता भारतीय उच्चायोग के सामने एक जनसभा करेंगे और वक्फ कानून के खिलाफ आवाज उठाएंगे. साथ ही वो उच्चायोग के अधिकारियों को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे.
मौलाना ममुनुल हक ने कहा….
वहीं, पार्टी के अमीर मौलाना ममुनुल हक ने कहा कि भारत में बीजेपी की सरकार लंबे समय से मुसलमानों को निशाना बना रही है. उन्होंने मुसलमानों पर अपने कट्टरपंथी हिंदू समर्थकों को छोड़ दिया है. इस दौरान मुसलमानों की ज़मीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है. उनकी निजी और वक्फ की संपत्तियों को छीनकर वहां मंदिर और दूसरी इमारतें बनाई जा रही हैं.
इस्लामिक देशों से किया ये आह्वान
इतना ही नहीं, उन्होंने आगे कहा कि अब 2025 का वक्फ संशोधन विधेयक पास किया गया है, जिससे इन ज़मीन कब्जों को कानूनी मंजूरी मिल गई है. इन फैसलों के खिलाफ हम पहले ही अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर चुके हैं. मौलाना ने कहा कि इस कानून को लेकर भारत के मुसलमान भी प्रदर्शन कर रहे हैं. यह विधेयक मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों और नियमों में दखल देता है. साथ ही उन्होंने सभी इस्लामिक देशों से भारत में मुसलमानों के खिलाफ हो रही हिंसा पर आवाज उठाने का आह्वान किया.
‘अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाना चाहिए मुद्दा’
मौलाना ने आगे कहा कि भारत की सरकार और वहां की कुछ मीडिया बार-बार यह झूठ फैला रही है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है. वास्तव में तो भारत में मुसलमानों पर हिंसा हो रही है, जिसे लेकर बांग्लादेश सरकार की चुप्पी और बेरुखी की वजह से भारत को गलत जानकारी फैलाने का मौका मिल जाता है.
ऐसे में बांग्लादेश सरकार को चाहिए कि वह भारत में मुसलमानों की हत्या और अत्याचार के खिलाफ अपनी चिंता जाहिर करे और इसका विरोध करे. साथ ही इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे कि संयुक्त राष्ट्र में जोरदार तरीके से उठाए.
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