Maldives Bans Israeli Passport: हमास-इजरायल युद्ध के दौरान इजराइल की ओर से हमास पर किए जा रहे लागातार हमले के बाद मालदीव ने अपने देश में इजरायली पासपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है. कैबिनेट के इस फैसले का विरोध अपने ही देश में होने लगा है. दरअसल, सरकार के ही उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. अब्दुल्ला फिरोश ने इजरायली पासपोर्ट पर बैन को लेकर विरोध किया है.
आपको बता दें कि मालदीव में पिछले छह महीने से इजरायली पासपोर्ट के बैन की मांग चल रही थी, जिसके बाद राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ये फैसला लिया है. ऐसे में मालदीव के उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल्ला फिरोश ने कहा है कि ‘देश की विदेश नीति सोशल मीडिया पर चल रही मांग यह सोशल मीडिया यूजर्स को खुश करने के लिए नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विदेश नीति का फैसला राष्ट्रीय संसाधनों, रणनीतिक विचारों, आर्थिक स्वास्थ्य और राष्ट्र के समग्र लाभ के बारे में सावधानीपूर्वक सोच विचार कर लेना चाहिए.
मंत्री को झेलनी पड़ रही आलोचना
इसके साथ ही अब्दुल्ला फिरोश ने फारिस मौमून की एक पोस्ट का जवाब देते हुए इजरायली पासपोर्ट को बैन करने का कारण भी पूछा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इजरायली पासपोर्ट पर बैन लगाने से देश के मुसलमानों और दोहरी नागरिकता वाले लोगों को मालदीव आने से रोका जा सकेगा. जिससे देश को आर्थिक नुकसान होने के साथ ही देश की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है. दरअसल, मालदीव की आबादी में करीब 98 फीसदी से अधिक मुस्लमान हैं.
पुलिस विभाग से शिक्षा मंत्री बने फिरोश
बता दें कि अब्दुल्ला फिरोश इसी साल मालदीव के उच्च शिक्षा मंत्रालय में राज्यमंत्री के रूप में नियुक्त किए गए हैं. इससे पहले वह पुलिस विभाग में कार्यरत थे. 20 साल देश की सेवा के बाद उन्होंने साल 2021 में रिटायरमेंट ले ली. इसके बाद देश में मंत्री के तौर पर सेवा देने के लिए फिरोश को 43,500 एमवीआर का भुगतान किया जाता है. दरअसल, फिरोश के रिटायरमेंट पर भी कई सवाल खड़े हो चुके हैं, फिलहाल संसद ने माना कि गृह मंत्रालय उनके रिटायरमेंट से पहले गंभीर आरोपों पर विचार करने में विफल रहा है.
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