Maldives: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अपने ही देश में घिर गए हैं. मुइज्जू पर राजनीतिक पदों पर नियुक्ति करने का आरोप लगा है. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए है. दरअसल 5 फरवरी को अपने पहले राष्ट्रपति संबोधन में मुइज्जू ने कहा था कि देश में राजनीतिक पदों में बढ़ोत्तरी नही होगी. उस समय उन्होंने कहा था कि सरकारी खर्च को कम करने के लिए उनकी सरकार ने राजनीतिक पदों पर और नियुक्तियां नहीं करने का निर्णल लिया है. मालदीव के मीडिया पोर्टल अधाधू के मुताबिक, राष्ट्रपति मुइज्जू के वादे के बाद भी उनकी सरकार में जमकर राजनीतिक नियुक्तियां हुई है. यानी राष्ट्रपति मुइज्जू ने राजनीतिक पदों पर और नियुक्तियां रोकने का किया गया अपना ही वादा तोड़ दिया है.
विपक्ष ने संसद में दायर किया प्रस्ताव
राष्ट्रपति मुइज्जू ने राजनीतिक नियुक्तियों को 7 सौ से अधिक नहीं रखने के वादे के साथ पदभार संभाला था. लेकिन अधाधू ने कई स्रोतों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह आंकड़ा 2,000 के करीब है. अधाधू की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति के ऐलान के बाद भी और अधिक राजनीतिक नियुक्तियां की जा रही हैं. साथ ही मुइज्जू सरकार इन नियुक्तियों को छिपाने का भी काम कर रही है.
राष्ट्रपति कार्यालय और वित्त मंत्रालय ने राजनीतिक पदों पर नियुक्तियों की कुल संख्या का खुलासा करने से मना कर दिया है. विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने पिछले बुधवार को बिना किसी नोटिस के राजनीतिक नियुक्तियों की संख्या का खुलासा न करने पर बहस करने के लिए संसद में एक प्रस्ताव दायर किया था. विपक्ष का प्रस्ताव पारित नहीं हुआ क्योंकि सत्तारूढ़ पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) के बहुमत ने इस प्रस्ताव पर बहस करने की इच्छा नहीं जताई.
सुधार नीति तैयार करने का था प्लान
फरवरी में मुइज्जू ने कहा कि सरकार की योजना देश की वित्तीय स्थिति में सुधार करने और ऋण तथा राजकोषीय स्थिति को एक स्थायी स्तर पर लाने के लिए अपनी खुद की सुधार नीति तैयार करने और उसे लागू करने की है. उन्होंने कहा था कि मेरा मानना है कि यह देश के आर्थिक और वित्तीय भविष्य के लिए आवश्यक है. उन्होंने आगे कहा था कि इसी तरह, सरकार के खर्चों को कम करने के लिए, मैंने असाधारण स्थितियों को छोड़कर वरिष्ठ राजनीतिक पदों पर और लोगों को नियुक्त नहीं करने का फैसला किया है.
ये भी पढ़ें :- रूस के दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी, यात्रा से पहले ही क्रेमलिन में उत्साह; जानिए क्या है वजह?