Maldives: चीन के समर्थन वाले मुइज्जू के देश मालदीव बीते कुछ समय से आर्थिक संकट की समस्या से जुझ रहा है. तमाम कोशिशों के बावजूद भी संकट कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. ऐसे में मालदीव ने एक नया विदेशी मुद्रा विनियमन लागू किया है, जिसमें विदेशी मुद्रा में लेन-देन को सीमित किया गया है. इसके साथ ही पर्यटन प्रतिष्ठानों और बैंकों पर अनिवार्य विदेशी मुद्रा विनिमय पर भी नियंत्रण लगाया गया है.
दरअसल, पिछले वर्ष राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के ‘इंडिया आउट’ अभियान के जवाब में भारतीय पर्यटकों से इस खूबसूरत द्वीपीय देश से दूर रहने के आह्वान के बाद मालदीव की अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा है. हालांकि भारत ने उसे पांच करोड़ डॉलर का ब्याज मुक्त ऋण भी दिया है.
बैंकों में जमा करना विदेशी मुद्रा आय
मालदीव के केंद्रीय बैंक मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण (एमएमए) ने विदेशी मुद्रा भंडार के आयात बिल से मेल न खाने के कारण इसी महीने एक नया विनियमन पेश किया है, जिसके तहत पर्यटन उद्योग द्वारा उत्पन्न सभी विदेशी मुद्रा आय को स्थानीय बैंकों में जमा करना आवश्यक होगा.
मालदीव में क्या पाबंदी?
पिछले कुछ महीनें में मालदीव में डॉलर की कमी होने की वजह से सख्त डॉलर सीमा लागू करने वाले एमएमए ने स्थानीय धिवेही भाषा में नए नियम प्रकाशित किए. विदेशी मुद्रा विनियमन (विनियमन संख्या: 2024/आर-91) के मुताबिक, मालदीव के भीतर विदेशी मुद्रा में अनुमति वाले लेन देन को छोड़कर सभी लेन-देन मालदीवियन रूफिया (एमवीआर) में किए जाने चाहिए. एमएमए की ओर से जारी नए विनियमन और एफएक्यू के अनुसार, इसमें वस्तुओं और सेवाओं, कार्यों के मूल्य, शुल्क, प्रभार, किराया और मजदूरी का भुगतान स्थानीय मुद्रा में कि जाने का भी प्रावधान है. तथा इन लेनदेन के लिए विदेशी मुद्रा में बिल जारी करने पर रोक भी लगाई गई है.
इसे भी पढें:-जेलेंस्की ने यूरोपीय देशों के सामने पेश की “रूस विजय योजना”, विरोध और समर्थन दोनों में ही मिली प्रतिक्रिया