‘हमारे दरवाजे खुले हैं…’, बांग्लादेश में फैली हिंसा के बीच ममता बनर्जी का बड़ा बयान

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Bangladesh Violence Refugees: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण कोटा को लेकर भारी बवाल चल रहा था. पूरे देश में हिंसक विरोध के कारण कर्फ्यू लगा दिया गया था. हालांकि, बांग्लादेश में फैली हिंसा के बीच वहां की सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण वाले नियमों को वापस लेने का आदेश दिया है. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यंमत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है.

रविवार को कोलकाता में शहीद दिवस की रैली के अवसर पर उन्होंने विक्टोरिया हाउस के सामने एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया और बांग्लादेश के लोगों का पूरी तरीके से सहयोग करने की बात कही. उन्होंने साफ कहा कि बांग्लादेश के लोगों के लिए पश्चिम बंगाल के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं.

इस जनसभा में ममता बनर्जी ने कहा कि हमें बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति से संबंधित मामलों को उकसाना नहीं चाहिए. अगर बांग्लादेशी हमारे दरवाजे पर दस्तक देंगे तो हम उन्हें शरण देंगे.

जानिए क्या बोलीं ममता बनर्जी?

इस कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का जिक्र किया और कहा कि मैं बंगाल के उन निवासियों को पूरा सहयोग देने का आश्वासन देती हूं जिनके रिश्तेदार हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में फंसे हुए हैं.

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि अगर असहाय लोग बंगाल का दरवाजा खटखटाएंगे तो मैं मदद करूंगी. अगर आपका परिवार बांग्लादेश में है, कुछ पढ़ाई करने गए हैं, कुछ इलाज के लिए वापस नहीं आ सकते, अगर किसी मदद की जरूरत होगी तो हम करेंगे.

सीएम ममता ने कहा कि मैं बांग्लादेश के बारे में बात नहीं कर सकती. क्योंकि यह एक अलग देश है. जो कहना है, वह भारत सरकार कहेगी. लेकिन मैं इतना कह सकती हूं कि अगर असहाय लोग बंगाल का दरवाजा खटखटाएंगे तो हम उन्हें आश्रय जरूर देंगे, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र का एक प्रस्ताव है. अगर कोई शरणार्थी है तो आसपास का इलाका उन्हें आश्रय देगा.

बांग्लादेश को लेकर ममता ने जताई चिंता

सीएम ममता बनर्जी ने असम का जिक्र करते हुए कहा कि उदाहरण के तौर पर असम में गड़बड़ी हुई. वे काफी समय तक अलीपुरद्वार में रहे. मैं भी उनसे मिलने गयी. लेकिन मेरी आपसे अपील है कि बांग्लादेश को लेकर हमें किसी उकसावे में नहीं आना है, किसी तनाव में नहीं आना है. जिन लोगों का खून बहाया गया, उनके लिए हमारे मन में दुख और करुणा है. हम भी निगरानी रख रहे हैं.

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