Marco Rubio: अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दक्षिण अफ्रीकी राजनयिक को अवांछनीय व्यक्ति घोषित किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका में दक्षिण अफ्रीका के राजदूत का अब स्वागत नहीं है. अमेरिका द्वारा यह कदम ट्रंप प्रशासन द्वारा अफ्रीकी राष्ट्र को निशाना बनाकर उठाया गया है. रूबियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने एक पोस्ट में इब्राहिम रसूल पर जाति-भेदभाव करने वाले राजनीतिज्ञ होने का आरोप लगाया, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से नफरत करते हैं.
हालांकि इस निर्णय को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से तत्काल कोई स्पष्टीकरण न दिया है. वहीं, रुबियो ने ब्रेइटबार्ट की एक कहानी का हवाला दिया, जिसमें रसूल ने शुक्रवार को दक्षिण अफ़्रीकी थिंक टैंक के वेबिनार के हिस्से के रूप में एक भाषण दिया था. इस दौरान उन्होंने ट्रंप प्रशासन द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के संदर्भ में की गई कार्रवाइयों के बारे में बात की थी, जहां जल्द ही गोरे लोग बहुमत में नहीं रहेंगे.
ट्रंप और मस्क ने की दक्षिण अफ़्रीका की आलोचना
अमेरिका द्वारा किसी विदेशी राजदूत को निष्कासित करना बहुत ही असामान्य बात है, हालांकि निचले दर्जे के राजनयिकों को अक्सर अवांछित व्यक्ति का दर्जा देकर निशाना बनाया जाता है. दरअसल, ट्रंप और उनके सहयोगी एलन मस्क दोनों ही दक्षिण अफ़्रीका में पले-बढ़े हैं और दोनों ने ही देश की अश्वेत-नेतृत्व वाली सरकार की एक नए भूमि कानून को लेकर आलोचना की है, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह गोरे लोगों के साथ भेदभाव करता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्य दिवस के अंत में टिप्पणी के लिए दक्षिण अफ़्रीकी दूतावास को किए गए फ़ोन कॉल का उत्तर नहीं दिया गया. ऐसे में एक बच्चे के रूप में, उन्हें और उनके परिवार को केप टाउन के एक इलाके से निकाल दिया गया था जो गोरे लोगों के लिए निर्धारित था.
राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के साथी के रूप में बनाई पहचान
बता दें कि रसूल ने जनवरी में पद पर लौटने से पहले 2010 से 2015 तक अमेरिका में अपने देश के राजदूत के रूप में कार्य किया था. इसके बाद वो रंगभेद विरोधी प्रचारक बन गए, अपनी सक्रियता के लिए जेल में समय बिताया और देश के पहले रंगभेद-पश्चात राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के साथी के रूप में पहचान बनाई और फिर वो मंडेला की अफ़्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस राजनीतिक पार्टी में एक राजनेता बन गए.
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