Marcos Saves Pakistani: दुनियाभर में अपनी ताकत के लिए महशूर भारत के मरीन कमांडोज यानी मार्कोज एक बार फिर चर्चा में बना हुआ है. दरअसल, मार्कोज ने समुंदर के बीच मुश्किल में फंसे 16 लोगों को बचाया है, जिसमें 5 ईरानी, 9 बलूच और 2 पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लोग शामिल थे. खास बात ये है कि बलूचिस्तान और सिंध प्रांत के लोग हमेशा से बोलते आए हैं कि पाकिस्तान के लिए हमारी जान की कीमत नहीं है और इस बार ये साबित भी हो गया.
दरअसल, मध्य अरब सागर में एक पाकिस्तानी चालक दल के सदस्य को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना के अग्रिम पंक्ति के युद्धपोत आईएनएस त्रिकंद ने तुरंत कार्रवाई की.
350 समुद्री मील दूर था चालक दल
अलर्ट मिलने के समय यह जहाज ओमान तट से करीब 350 समुद्री मील की दूरी पर था. ऐसे में तुरंत कार्रवाई करते हुए, आईएनएस त्रिकांड के चालक दल ने कॉल की जांच की और पाया कि इंजन पर काम करते समय नाव पर सवार एक नाविक की उंगलियों में गंभीर चोटें आई थीं. हालांकि चोट की गंभीर प्रकृति के कारण, चालक दल के सदस्य को पहले ही एक अन्य ईरानी मछली पकड़ने वाले जहाज, एफवी अब्दुल रहमान हंज़िया में स्थानांतरित कर दिया गया था, जो ईरान की ओर बढ़ रहा था.
भारतीय नौसेना ने क्या कहा?
इस दौरान भारतीय नौसेना ने बताया कि त्रिकांड ने घायल चालक दल के सदस्य को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए तुरंत अपना मार्ग बदल दिया. एफवी अब्दुल रहमान हंजिया के चालक दल में 11 पाकिस्तानी (9 बलूच और 2 सिंधी) और 5 ईरानी कर्मी शामिल थे. वहीं, घायल पाकिस्तानी (बलूच) नागरिक के हाथ में कई फ्रैक्चर और गंभीर चोटें आई थीं, जिसके कारण बहुत अधिक रक्त बह गया.
चालक दल ने भारतीय नौसेना का जताया आभार
नौसेना ने बताया कि रक्तस्राव को समय रहते नियंत्रित कर लिया गया, जिससे गैंग्रीन के वजह से घायल उंगलियों के संभावित स्थायी नुकसान को रोका जा सका. इसके अतिरिक्त, ईरान पहुंचने तक चालक दल की भलाई सुनिश्चित करने के लिए जहाज को एंटीबायोटिक्स समेत चिकित्सा आपूर्ति प्रदान की गई थी. पूरे चालक दल ने अपने चालक दल के सदस्य की जान बचाने में समय पर सहायता के लिए भारतीय नौसेना के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया.
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