इराक में लड़कियों की शादी की उम्र होगी 9 साल? संसद में पेश हुआ विधेयक, विरोध में महिलाएं

Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Iraq Child Marriage law: ईस्‍लामिक देश इराक के संसद में लड़कियों की शादी को लेकर एक नया बिल पेश किया गया है. इस बिल के जरिए लड़कियों की शादी की न्‍यूनतम उम्र 9 साल करने की योजना है. इराक की रुढ़िवादी शिया पार्टियां पार्लियामेंट में व्यक्तिगत कानून में संशोधन पर जोर दे रही हैं, जो 9 वर्ष से कम उम्र के बच्चियों की शादी करने की अनुमति देगा. महिला अधिकार संगठन इस बिल को लेकर चिंतित हैं. इस प्रस्‍ताव को लेकर महिला और मानवाधिकार संगठन ने गंभीर चिंता जताई है और इसे पितृसत्तात्मक को बढ़ावा देने वाला कहा है. इस बिल से पूरे इराक में विवाद का माहौल बन गया है.

1959 के पर्सनल स्‍टेटस के तहत लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल

1959 के पर्सनल स्‍टेटस के तहत इराक में लड़कियों की शादी की न्‍यूनतम उम्र 18 साल रखी गई थी, लेकिन इस नए बिल के प्रभावी होने से यह उम्र आधी रह जाने का डर है. दरअसल, 1959 के व्यक्तिगत स्थिति कानून के 188 में संशोधन पर विचार किया जा रहा है. यह कानून अब्दुल करीम कासिम सरकार ने पास किया था. कासिम सरकार ने महिलाओं के अधिकारों समेत कई प्रगतिशील सुधारों की शुरुआत की थी.

महिला अधिकार कार्यकर्ता सुहालिया अल असम के मुताबिक, 1959 में विशेषज्ञों, वकीलों, धार्मिक प्रमुखों और विशेषज्ञों की राय से बने इस कानून को महिलाओं के पक्ष में पश्चिम एशिया के सबसे अच्छे कानूनों में से एक माना जाता है. ये कानून महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए विवाह की कानूनी उम्र 18 वर्ष तय करता है. यह कानून पुरुषों को दूसरी पत्नी रखने की भी अनुमति नहीं देता है.

1959 के कानून में बदलाव की योजना

साल 1959 में कासिम सरकार में बने कानून में परिवर्ततन लाने की मांग शिया इस्लामवादी पार्टियों के गठबंधन की है, जो इराकी संसद में सबसे बड़ा गुट है. संसद में जो ड्राफ्ट लाया गया है, उसमें कहा गया है कि जोड़े को व्यक्तिगत स्थिति के सभी मामलों में सुन्नी या शिया संप्रदाय के बीच चयन करना होगा. यह परिवर्तन कोर्ट के बजाय शिया और सुन्नी बंदोबस्ती के कार्यालयों को शादी पर फैसला करने की अनु‍मति देगा.

बिल के मसौदे में कहा गया है कि शिया कोड जाफरी लीगल प्रणाली पर आधारित होगा. जाफरी कानून का नाम छठे शिया इमाम जाफर अल सादिक के नाम पर है, जिमें निकाह, तलाक, विरासत और गोद लेने के नियम हैं. यह 9 वर्ष की लड़कियों और पंद्रह साल के लड़कों की शादी की परमिशन देता है. 

प्रस्‍ताव के विरोध में महिलाएं

इस्‍लामिक कंट्री इराकी संसद में ये मसौदा बिल निर्दलीय सांसद राएद अल-मलिकी ने पेश किया है. मसौदे में प्रस्तावित परिवर्तनों से मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की बेचैनी बढ़ गई है. महिला अधिकार मंच की सीईओ तमारा अमीर ने मिडिल ईस्ट आई से कहा है कि व्यक्तिगत स्थिति कानून में इन प्रस्तावित बदलावों का इराक में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और भलाई पर गहरा नकारात्मक असर होगा. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या राजनेता अपनी नौ साल की बच्‍ची का विवाह होने देंगे. उन्होंने कहा कि इराक की समुदाय इन प्रस्तावों को साफ तौर पर खारिज करता है, यह इराक की पुरुष और महिलाओं दोनों के लिए एक अपमानजनक कदम है. हम सालों से इसी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें :- Bangladesh:राजनीति में उतरने को तैयार शेख हसीना के बेटे वाजेद, कहा- नहीं हटूंगा पीछे

 

Latest News

गुयाना की संसद में बोले PM मोदी- ‘हमारा रिश्ता आत्मीयता से भरा हुआ…’

PM Modi Guyana Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को गुयाना में संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया. अपने संबोधन...

More Articles Like This