Middle East Conflict: मिडिल ईस्ट में इजरायल, हिजबुल्लाह और लेबनान के बीच जारी तनाव के बीच ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ईरान इस समय युद्ध को रुकवाने की कोशिशों में जुटा हुआ है. विदेश मंत्री ने कहा कि दूसरे देशों के माध्यम से अमेरिका के साथ डिप्लोमेटिक रास्ते खुले हैं. ऐसे में ईरान इस जंग को रोकने का संभव प्रयास कर रहा है.
हालांकि अब तक ईरान इजरायल से बदला लेने के बात कर रहा था, इसके लिए वो कई बार नेतन्याहू को चेतावनी भी दे चुका है और अब अचानक उसके सुर बदले बदले नजर आ रहे है, लोगों को सोचने पर मजबूर कर रह है कि क्या सच में ईरान इस जंग को रोकना चाहता है या इसके पीछे वो कोई नई साजिश रच रहा है.
खामेनेई ने की एक जुट होने की अपील
बता दें कि ईरानी विदेश मंत्री इस वक्त सऊदी अरब समेत क्षेत्र के कई देशों के दौरे पर हैं. हालांकि उन्होंने दौरे पर रवाना होने से पहले ही कहा था कि वह इजराइल के खिलाफ सामूहिक आंदोलन खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं, इससे पहले ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने जुमें की नमाज़ के बाद मुस्लिम देशों से इजराइल के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी. साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि अगर जरूरत पड़ी को ईरान एक बार फिर इजराइल पर अटैक करेगा.
हमले की आशंका से डरा ईरान?
बता दें कि हाल ही में ईरान ने इजरायल पर 200 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया था. इस हमले के बाद इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू लगातार ईरान से बदला लेने और इजराइल पर हमले का खामियाजा भुगतने की बात कर रहे हैं. इसी बीच उन्होंने बुधवार की रात अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से फोन पर बातचीत के बाद कहा कि अगर हम लड़ेंगे नहीं तो मारे जाएंगे. इजरायली पीएम के इस बयान को लेकर कहा जा रहा था कि शायद उन्हें ईरान पर पलटवार के लिए अमेरिका से हरी झंडी मिल गई है. ऐसे में अब सवाल ये है कि ईरान का बदला लेने की धमकी से युद्ध रुकवाने वाला यू-टर्न कहीं इजराइली हमले के डर से तो नहीं आया है.
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