एलन मस्क की न्यूरालिंक “ब्लाइंडसाइट चिप” का कमाल, अब जन्मजात अंधे भी देख सकेंगे दुनिया

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Neuralink Blindsight Chip: क्या आप कभी सोच सकते हैं कि जो लोग अंधे पैदा हुए थे या जिन्होंने किसी दुर्घटना में अपनी दोनों आंखें खो दीं, वे भी दुनिया देख सकते हैं?… शायद नहीं. लेकिन अब दुनिया के दिग्‍गज बिजनेसमैन एलन मस्‍क की न्‍यूरालिंक ‘ब्‍लाइंडसाइट चिप’ ने इसे संभव करने का दावा किया है.

ब्‍लाइंडसाइट चिप के जरिए अब ऐसे लोग भी दुनिया देख सकेंगे, जो जन्म से ही अंधे हैं या फिर जिन्होंने अपनी ऑप्टिक नर्व यानि ऑप्टिक तंत्रिका तक को गवां दी है. इस चिप को अंधे व्‍यक्तिओं में इंप्लांट किया जाएगा. चिप के इम्‍प्‍लांट के लिए अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग ( FDA) ने अनुमति दे दी है. एफडीए से अनुमति मिलने के बाद एलन मस्‍क ने ट्वीट कर जानकारी दी.

अमेरिकी FDA का “ब्रेकथ्रू डिवाइस” पदनाम मिला

एलन मस्‍क के ब्रेन-चिप स्टार्टअप न्यूरालिंक (Neuralink) ने मंगलवार को बताया कि दृष्टि बहाल करने के मकसद से किए गए उसके प्रयोगात्मक प्रत्यारोपण को अमेरिकी FDA का “ब्रेकथ्रू डिवाइस” पदनाम मिला है. बता दें कि एफडीए का ब्रेकथ्रू टैग कुछ ऐसे चिकित्सा उपकरणों को दिया जाता है जो जीवन-घातक स्थितियों का ईलाज या निदान करने में सक्षम होते हैं. इसका मकसद विकास में तेजी लाना और वर्तमान में विकासाधीन उपकरणों की समीक्षा करना है.

मस्क ने किया ट्वीट

ब्लाइंडसाइट चिप को एफडीए का अनुमति मिलने के बाद एलन मस्‍क ने एक्स पर ट्वीट करके लिखा कि ब्लाइंडसाइट के नाम से जाना जाने वाला यह प्रायोगिक उपकरण उन लोगों को भी देखने में सक्षम करेगा, जिन्होंने अपनी दोनों आंखें और ऑप्टिक तंत्रिका गंवा दी है.” हालांकि न्यूरालिंक ने ब्लाइंडसाइट डिवाइस के मानव परीक्षण में जाने की उम्मीद के बारे में विवरण मांगने के अनुरोध का उन्होंने तुरंत जवाब नहीं दिया.

बता दें कि एलन मस्क और इंजीनियरों के एक ग्रुप द्वारा 2016 में स्थापित न्यूरालिंक एक ब्रेन चिप इंटरफ़ेस बना रहा है, जिसे खोपड़ी के अंदर प्रत्यारोपित किया जा सकता है. इस बारे में एलन मस्क का कहना है कि यह अंततः विकलांग रोगियों को फिर से चलने और संवाद करने के साथ देखने की क्षमता भी बहाल कर सकता है.

जानें क्या है ब्लाइंडसाइट चिप

न्यूरालिंक के उपकरण में एक चिप होती है जो तंत्रिका संकेतों को संसाधित और प्रसारित करती है, जिन्हें कंप्यूटर या फोन जैसे उपकरणों में संचारित किया जा सकता है. यह स्टार्टअप अलग से एक प्रत्‍यारोपण का टेस्‍ट कर रहा है, जो पैरालाइज्‍ड मरीजों को अकेले सोचने से डिजिटल उपकरणों का इस्‍तेमाल करने की क्षमता देता है. इससे एक संभावना जगी है जो रीढ़ की हड्डी की चोट वाले मरीजों की सहायता कर सकती है.

अमेरिकी सरकार के क्लिनिकल परीक्षण डेटाबेस के विवरण के मुताबिक, परीक्षण में इसके उपकरण का मूल्यांकन करने के लिए तीन रोगियों को नामांकित करने की उम्मीद है, जिसे पूरा होने में कई साल लग सकते हैं. इस साल की शुरुआत में, न्यूरालिंक ने डिवाइस को दूसरे मरीज में सफलतापूर्वक इम्‍प्‍लांट किया, जो इसका इस्‍तेमाल वीडियो गेम खेलने और 3डी ऑब्जेक्ट डिजाइन करने का तरीका सीखने के लिए कर रहा है.

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