Mojtaba Khamenei: दुनिया के सबसे बड़े इस्लामिक देशों में से एक ईरान पहले से ही इजरायल के साथ युद्ध में व्यस्त है. वहीं दूसरी ओर एकाएक सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई द्वारा अपने बेटे मोजतबा को उत्तराधिकारी बनाए जाने का ऐलान किया है, जिसे हर कोई हैरान है. खामेनेई का यह फैसला ईरान की पवित्र शासन व्यवस्था (विलायत-ए-फकीह) और उसके भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े करता है.
मोजतबा खामेनेई अयातुल्लाह अली खामेनेई के दूसरे बेटे हैं, जिनकी पहचान एक धार्मिक और राजनीतिक व्यक्ति के रूप में की जाती है. हालांकि वो सर्वोच्च नेता के कार्यालय में एक कमांडिंग ऑफिसर की भूमिका निभाते हैं और अब उन्हें अपने पिता के द्वारा संभावित रूप से ईरान का उत्तराधिकारी तैनात किया गया है.
IRGC में शामिल मोजतबा
हालांकि जानकारों का कहना है कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की मौत के बाद मोजतबा ही ऐसे व्यक्ति है, जो ईरान के उत्तराधिकारी के शीर्ष दावेदार हैं. बता दें कि मोजतबा खामेनेई साल 1987 में माध्यमिक विद्यालय समाप्त करने के बाद IRGC में शामिल हो गए. साथ ही उन्होंने ईरान इराक युद्ध (1980-88) के अंत में सेवा भी दी है. हालांकि उस वक्त तक युद्ध ने ईरान को पूरी तरह से तबाह कर दिया था और ईरान ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी, लेकिन फिर संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में संघर्ष विराम स्वीकार करना पड़ा.
मोजतबा को मिली “कट्टरपंथी” नेतृत्व की छवि
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 21वीं सदी की शुरुआत में मोजतबा के केवल IRGC के भीतर ही नहीं, बल्कि ईरान के शीर्ष मौलवियों के साथ भी मजबूत संबंध बन गए थे. इसक अलावा, उन्होंने 2009 में ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को दबाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी, जिससे उन्हें “कट्टरपंथी” नेतृत्व की छवि मिली. ये पहली बार था जब वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर चर्चा में आए थे.
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